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ट्विटर को मिला कानूनी संरक्षण खत्म, अबतक नए IT नियमों का पालन नहीं किया- सूत्र

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Representative Image , Souce Google

नई दिल्ली. नए IT नियमों के अनुरूप कंपनी की भूमिका पर वैधानिक अधिकारियों को नियुक्त करने में विफलता के कारण ट्विटर ने भारत में प्रतिष्ठित कानूनी संरक्षण खत्म हो गया है। अब देश के Twitter के प्रबंध निदेशक सहित इसके शीर्ष अधिकारी किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई ‘गैरकानूनी’ और ‘भड़काऊ’ सामग्री को लेकर IPC के तहत पुलिस पूछताछ ( police questioning) और आपराधिक दायित्व (criminal liability) का सामना कर सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इसके साथ, ट्विटर एकमात्र अमेरिकी मंच बन गया है जिसने IT अधिनियम की धारा 79 के तहत सुरक्षा कवच खो दिया है। अभी Google, यूट्यूब, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे अन्य सुरक्षित हैं।

सूत्रों ने बताया कि कंपनी को दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया था। सरकार द्वारा बार-बार कहने और विस्तार दिए जाने के बावजूद नए आईटी नियमों के कदम नहीं उठाए गए। जिसके बाद अब Twitter ने भारत में मिला कानूनी संरक्षण खो दिया है और अब इसपर किसी भी थर्ड पार्टी कंटेंट (किसी भी यूजर द्वारा पोस्ट किया गया कंटेंट) के लिए IPC के तहत एक्शन लिया जा सकता है।

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आपको बता दें कि कंपनियों को 25 मई तक ऑफिसरों की नियुक्ति 25 मई तक करनी थी लेकिन ज्यादातर ने इसमें कोरोना की वजह से लगाए लॉकडाउन और अन्य technical challenges का हवाला देकर इसमें देरी की। ट्विटर ने शुरू में कुछ नियुक्तियां की थीं, लेकिन इन्हें सरकार द्वारा सरसरी तौर पर खारिज कर दिया गया था क्योंकि वे बाहरी कानूनी सलाहकार थे या ये वे लोग नहीं थे जो सीधे तौर पर Twitter के रोल पर कार्यरत हों।

ट्विटर ने कहा- भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया

ट्विटर ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है और जल्द ही अधिकारी का ब्यौरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा। सरकार ने ट्विटर को कुछ दिन पूर्व दिए एक नोटिस में कहा था कि उसे सूचना प्रौद्योगिकी कानून संबंधी नए नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी कानून के तहत मध्यस्थ मंच के नाते दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।

नये दिशानिर्देश 26 मई से प्रभाव में आए हैं। इसके बाद ट्विटर ने पिछले हफ्ते सरकार को पत्र लिखकर आश्वासन दिया था कि वह नये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के अनुरूप मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति करने के अंतिम चरण में है और सरकार को एक हफ्ते के भीतर अतिरिक्त ब्यौरा दे दिया जाएगा।

मंगलवार को ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी नये दिशानिर्देशों का पालन करने की हर कोशिश कर रही है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को प्रक्रिया के हर कदम पर प्रगति की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया गया है और इससे जुड़ा ब्यौरा जल्द ही मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा।

पिछले कुछ महीनों में ट्विटर और भारत सरकार के बीच कई बार टकराव हुए जिनमें किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ टकराव शामिल है। दोनों के बीच तब भी टकराव की स्थिति बनी जब अमेरिकी कंपनी ने सत्तारुढ़ दल भाजपा के कई नेताओं के राजनीतिक पोस्ट को “मैनिपुलेटेड मीडिया” के तौर पर टैग कर दिया जिसपर केंद्र ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। अंतिम टकराव आईटी नियमों के पालन करने को लेकर हुआ जिसमें ट्विटर देरी कर रही थी।

ऐसे में ट्विटर का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि माइक्रोब्लॉगिंग साइट को आईटी नियमों का पालन करने में देरी के चलते सरकार के कड़े रुख का सामना करना पड़ रहा था। नये नियमों के तहत बड़े डिजिटल मंचों को अपने मंच पर चलने वाली सामग्री को लेकर अधिक जवाबदेह बनना होगा। नये नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।