भोपाल । उद्यानिकी विभाग में पिछले एक सप्ताह में तीन घोटाले उजागर हो चुके हैं, लेकिन विभाग के मंत्री से लेकर अधिकारी तक सब चुप्पी साधे बैठे हैं। एक घोटाले में तो रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिसमें संचालनालय में पदस्थ उप संचालक और योजनाओं के नोडल अधिकारी राजेंद्र कुमार राजौरिया, जबलपुर के उप संचालक रामबाबू राजोदिया और कृषि विकास अधिकारी एसडी सिंह को दोषी साबित किया जा चुका है।
यह जांच रिपोर्ट संचालक पुष्कर सिंह, प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव और विभाग के मंत्री भारत सिंह कुशवाह के पास पहुंच चुकी है। जबकि एक घोटाले में शुरुआती जांच में ही घोटाले की पुष्टि हुई है, लेकिन अब तक इन घोटालों को लेकर किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
करीब एक सप्ताह पहले उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की जांच से यह राजफाश हुआ था कि किसानों को अनुदान देने वाली राशि को निजी कंपनी के खाते में डाल दी गई है। यह राशि केंद्र सरकार से किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए आई थी, लेकिन सांठगांठ कर संचालनालय के अधिकारियों ने इसे निजी कंपनियों के खाते में डाल दिया।
इस मामले की शुरुआती जांच के बाद आइएएस और विभाग के एमडी श्रीकांत बनोठ ने घोटाले के पुष्टि करते हुए जांच किसी एजेंसी कराने की सिफारिश की है। इसके बाद नमामि देवी नर्मदे योजना के तहत हुए पौधारोपण में कागजों पर पौधे खरीदकर करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया। इसकी जांच में तीन अधिकारी दोषी साबित भी हो चुके हैं। इसके बाद केंद्र सरकार से तालाब खोदाई, नेट हॉउस लगाने के लिए मिली राशि से गेंदे के बीज खरीद डाले। इन सभी मामलों में अब तक कोई करवाई नहीं हुई है।
इनका कहना है
संचालनालय स्तर पर जांच रिपोर्ट का परीक्षण चल रहा है। जिसके बाद तय होगा कि किस पर क्या कार्रवाई होनी है।
– कल्पना श्रीवास्तव