संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में एक आपात बैठक बुलाई गई. जिसमें भारत ने कहा कि कूटनीति और बातचीत से ही रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर विराम लगेगा. भारत ने कहा कि हमने यूक्रेन को मानवीय सहायता भी भेजी है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक ( फाइल फोटो)
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध जारी है. इसके बीच आज संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में एक आपात बैठक बुलाई गई. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र में भारत ने कहा कि हमने पहले ही यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजा है, जिसमें दवाएं, चिकित्सा उपकरण और अन्य राहत सामग्री शामिल हैं. हम आने वाले दिनों में और सहायता भेज रहे हैं. भारत ने कहा कि यह एक तत्काल आवश्यकता है, जिसे किया जाना चाहिए. भारत ने कहा हम यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीयों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं. हम पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर उनकी निकासी के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही हम यूक्रेन में लोगों के मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण का आह्वान करते हैं.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कहा कि हम रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की समाप्ति चाहते हैं. मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद और कूटनीति ही एकमात्र समाधान है. बता दें कि बैठक शुक्रवार को प्रस्ताव पर मतदान के साथ खत्म होगी, जिसके तहत यूक्रेन पर रूसी हमले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ दल गठित करने की मांग की गई है.
रूस और यूक्रेन भी UNHRC का सदस्य
47 सदस्यीय मानवाधिकार निकाय में होने वाला मतदान यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रुख को स्पष्ट करेगा. रूस और यूक्रेन भी इस निकाय के सदस्य हैं. अधिकारियों के मुताबिक जांच दल उन सबूतों को जुटाने और उनका विश्लेषण करने की कोशिश करेगा, जिनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) सहित अन्य अदालतों द्वारा किया जा सकता है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन पर आक्रमण के बाद किए गए संभावित युद्ध अपराधों पर रूस की जांच करेगा. आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा है कि यूक्रेन में कथित युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ है.
भारत ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की
आपको बता दें कि भारत ने बुधवार को यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया था. मॉस्को और कीव के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर एक सप्ताह से भी कम समय में संयुक्त राष्ट्र में लाए गए तीसरे प्रस्ताव में भारत ने भाग नहीं लिया. वहीं 193 सदस्यीय महासभा ने बुधवार को यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करने के लिए मतदान किया और यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की. प्रस्ताव के पक्ष में 141 वोट पड़े, जबकि 35 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया और पांच सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया. प्रस्ताव पारित होने पर महासभा में तालियां बजाई गईं.
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