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जन-औषधि दिवस पर‌ विडियो कांफ्रेंसिंग पर भोपाल की रूबीना ने प्रधानमंत्री से कहा, जनऔषधि केंद्र मेरे लिए वरदान

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भोपाल: जन-औषधि दिवस पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जन-औषधि केंद्र के संचालकों से चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के जन-औषधि केंद्र से दवाइयां लेने वाली महिला स्र्बीना बी से बातचीत की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह कार्यक्रम इमामी गेट पर आयोजित किया गया। रुबीना बी प्रधानमंत्री से बात करते वक्त भावुक हो गई। उन्होंने बताया कि बेटा मानसिक रोग से पीड़ित है। बेटे के लिए हर महीने पांच हजार स्र्पये की दवाइयां लेनी पड़ती थीं और परिवार का खर्च भी इतने ही स्र्पयों में चलाना पड़ता है। नौबत यह आ गई थी कि घर गिरवी रख दिया था और कर्जें में हर महीने डूब रहे थे। इसी बीच किसी ने बताया कि जो दवाइयां यहां पांच हजार स्र्पये में खरीद रही हो, वे जन-औषधि केंद्र में बेहद सस्‍ते दाम में मिल जाएंगी।

रूबीना ने प्रधानमंत्री से कहा कि जब से वह जन-औषधि केंद्र से दवाइयां खरीद रही हैं, तब से उन्हें दो हजार रुपये प्रतिमाह ही खर्च करना पड़ता है। शेष तीन हजार रुपये में घर खर्च चला लेती हूं। उन्होंने बताया कि इन दवाओं का असर उनके बच्चे पर दिखाई भी दे रहा है। इस तरह जन-औषधि केंद्र वरदान साबित हुआ।

भोपाल में इमामी गेट पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में 196 जन-औषधि केंद्र खुले हुए है। यहां लोगों को दवाइयों में 50 से 90 प्रतिशत का डिस्काउंट मिल रहा है। प्रधानमंत्री के उद्बोधन के पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने यहां दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य आयुक्‍त संजय गोयल, कलेक्टर अविनाश लवानिया और अनेक गणमान्‍य नागरिक भी उपस्थित रहे।

75 जिलों में 75 जन-औषधि केंद्र खोलने का आह्वान

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 75 जिलों में से प्रत्येक जिले में 75 जन-औषधि केंद्र खोलने का आव्हान भी किया है। जन-औषधि केंद्रों पर एक हजार से अधिक दवाइया उपलब्ध हैं। इन केंद्रों को खोलने पर 5 लाख रुपए और अनुसूचित जाति, जनजाति और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 2 लाख रुपए अतिरिक्त का इंसेंटिव भी दिया जा रहा है।

जन-औषधि केंद्रों को जनोपयोगी बनाया जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में पिछले 6 सालों में 7500 जन-औषधि केंद्र खोले गए हैं और इसके साथ हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है कि वर्तमान में 6000 करोड़ रुपए से ज्यादा का टर्नओवर इन जन-औषधि केंद्र के माध्यम से किया गया है। आयुष विभाग द्वारा दी जाने वाली दवाइयां भी जन-औषधि केंद्र में विक्रय के लिए उपलब्ध होंगी। ये दवाइयां सस्ती और बेहद कारगर हैं। उसी के साथ ही हमारी पारंपरिक ज्ञान पद्धति का हिस्सा है आयुष मंत्रालय के अंतर्गत होम्योपैथी ,आयुर्वेद आदि दवाएं जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से आम जनता के लिए उपलब्ध रहेंगी।