बिहार के पूर्णिया महादलित कांड को लेकर सूबे की सियासत गरमाई हुई है। मझुवा गांव में जिस तरह एक विशेष माइनॉरिटी समुदाय के सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने महादलित बस्ती में 13 घरों को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी , लोगों को मारा पीटा,एक पूर्व चौकीदार नेवालाल की पीटकर हत्या कर दी गई और पीड़ितों का कहना है कि इन लोगों ने बहू-बेटियों की इज्जत तक लूटने की कोशिश की। आज भी इन पीड़ित महादलितों के जेहन में वो खौफनाक काली रात की भवायह तस्वीर यादकर सिहर उठता है। मझुआ टोली में हुई इस घटना के बाद सोमवार (मई 24, 2021) को SP दयाशंकर ने पीड़ितों से बात की और बायसी थानाध्यक्ष अमित कुमार को लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया। धमदाहा के सर्किल इंस्पेक्टर सुनील कुमार सुमन को नया थाना प्रभारी बना कर भेजा गया।
बिहार के पूर्णिया के बायसी थाना के मझुआ कांड के बाद अब राजनीति तेज हो गई है। कई राजनीतिक दल के लोग वहां दौरा भी कर रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि इससे पहले भी यहां कई ऐसी घटनाएं हुई है। चाहे वह निखरैल हत्याकांड हो या रुपसपुर खगहा, दरनिया कोठी घाट की घटना हो या कसमरा कांड। हर घटना में महादलित ही मारे गये है।
Posting some video statements of victims of communal violence in Bihar's Purnia, where about a dozen houses belonging to mahadalits were set on fire on night of 19 May. At least one person killed. Recorded by a local journalist pic.twitter.com/vKPxLSEHVz
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) May 23, 2021
वहीं हिन्दूवादी संगठन के लोग इस घटना के पीछे सोची समझी साजिश बता रहे हैं, तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम इसे जमीन विवाद और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा बता रही है।
ये घटना 19 मई की है यानी पूरे छह दिन हो गये इस वारदात के। अब तक पांच लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। पीड़ित परिवार फ़िलहाल टेंट में रह रहे हैं।
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) May 25, 2021
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महादलितों को भगाकर यहाँ बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को बसाने की साज़िश रची जा रही है, स्थानीय लोगों का ये आरोप है। पूरे मामले की जाँच ज़रूरी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
भाजपा की ओर से जहां आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल चलाने की मांग की जा रही है तो राजद की ओर से नीतीश सरकार को इस मामले में घेरने की तैयारी की जा रही है।
तीन दिन पहले ये घटना हुई है। दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा को अंजाम देने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। महादलितों को भगाकर यहाँ बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को बसाने की साज़िश रची जा रही है, स्थानीय लोगों का ये आरोप है। पूरे मामले की जाँच ज़रूरी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) May 25, 2021
वहीं हिन्दुवादी संगठन इस घटना के पीछे बड़ी साजिश बता रहे हैं। आरएसएस धर्म जागरण के प्रान्त प्रशासनिक प्रमुख राजीव श्रीवास्तव की माने तो इस इलाके में काफी दिनों से बड़ी साजिश रची जा रही है। कहीं न कहीं महादलितों और हिन्दुओं को भगाकर बिग बांग्लादेश का कॉन्सेप्ट रचा जा रहा है। इसके लिये राष्ट्रीय एजेन्सियों को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी दूसरे समुदाय के लोगों ने डगरुआ के निखरैल में 1998 ईस्वी में 9 आदिवासियों को जिन्दा जलाकर मार दिया गया था। इस तरह की कई घटनाएं इस इलाके में लगातार हो रही है। वहीं हिन्दू जागरन मंच के प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य समरेन्द्र भारद्वाज का कहना है कि जहां भी हिन्दू अल्पसंख्याक है उनके उपर हमला कर उन्हें पलायन करने के लिए विवश किया जा रहा है।
क्या चिकन नेक काटने की साजिश से कोई कनेक्शन है?
दरअसल, इस घटना के लोकेशन पर ध्यान दीजिए। पूर्णिया में जहाँ ये वारदात हुई, वो उस चिकेन्स नेक से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर है जिसे काटने के सपने चीन भी देखता है। चिकन नेक भारत के पश्चिम बंगाल स्थित करीब 27 किलोमीटर का वो संकीर्ण रास्ता है जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से अन्य राज्यों को जोड़ता है। पश्चिम बंगाल का सिलीगुड़ी इस चिकन नेक का प्रमुख क्षेत्र है। जो भारत की नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, सिक्किम, दार्जिलिंग की पहाड़ियां और पूर्वोत्तर भारत को देश के अन्य हिस्से से जोड़ती है। भारत के नक्शे में पश्चिम बंगाल का उत्तरी हिस्सा यानी उत्तर दिनाजपुर और दार्जिलिंग के साथ बिहार काका मुस्लिम बहुल किशनगंज जिला भी चिकन नेक से जुड़ा है। बिहार का किशनगंज नेपाल के पश्चिमोत्तर से तो वहीं उत्तर दिनाजपुर का पूर्वी भाग बांग्लादेश से जुड़ा है। बताया जाता है कि बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी थाना क्षेत्र स्थित जिस मझवा गांव में ये घटना घटी है वह चिकन नेक से महज 8 किलोमीटर दूर है।

स्क्रीन शॉट साभार THE HINDU वेबसाइट पर पोस्ट हुई खबर से
JNU के छात्र शरजील इमाम ने कही थी चिकन नेक काटने की बात
सीएए (CAA) के विरोध में AMU यानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन के दौरान शरजील इमाम ने देश विरोधी बयान देते हुए पूर्वोत्तर भारत को भारत से जोड़ने वाले चिकन नेक को काटने की बात कही थी। उसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान पूर्वोत्तर भारत को तोड़ने की बात कही थी। हालांकि बिहार के जहानाबाद के रहने वाले शरजील इमाम को फरार होने के कुछ दिन बाद जहानाबाद से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में चिकन नेक को काटने की बात करने वाले शरजील पटना के फुलवारी शरीफ में भी एक बैठक कर चुके थे।
बहरहाल, पुलिस पूर्णिया कांड की जांच में जुट गई है, अगर इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश है तो निश्चित ही उसका पर्दाफाश होगा।