किसान नेताओं ने पल्ला झाड़ा; राकेश टिकैत बोले- राजनीतिक दलों के लोग खराब कर रहे आंदोलन
करीब दो महीने से शांतिपूर्वक चल रहा किसानों का आंदोलन गणतंत्र दिवस पर अराजक हो गया। 26 जनवरी पर ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए जिद्द पर अड़े रहे किसान नेता हिंसा और तोड़फोड़ के बीच अब अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पहले तो हिंसा की जानकारी होने से इनकार किया और फिर आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों के लोग आंदोलन को खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इसके अलावा, पिछले दिनों अक्सर टीवी पर दिखने वाले कई किसान नेता अब सामने नहीं आ रहे हैं।
आईटीओ के बाद लाल किले पर चल रहे उत्पात के बीच किसान नेता राकेश टिकैत यूपी गेट पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि बेरिकेडिंग दिल्ली पुलिस ने तोड़ी। हजारों किसानों को तय रूट पर निकलने नहीं दिया गया। टिकैत ने कहा, ”जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की है। हम शांतिपूर्ण मार्च निकलना चाहते थे। दिल्ली में लाल किले तक पहुचे किसानों की जानकारी नहीं है।”
We know the people who are trying to create disturbance, they are identified. There are people from political parties who are trying to malign the agitation: Rakesh Tikait, Spox, BKU, when asked that there are allegations that protests have gone out of the hands of farmer leaders pic.twitter.com/LRwPnFz2Xx
— ANI (@ANI) January 26, 2021
राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि क्या यह आंदोलन किसान नेताओं के हाथ से निकल गया है तो उन्होंने कहा, ”नहीं, यह हमारे हाथ में है। हम जानते हैं कि कौन लोग बाधा पैदा करना चाहते हैं। उनकी पहचान हो गई है। ये लोग राजनीतिक दलों के लोग हैं जो आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं।”
सभी साथियों से अपील है कि संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा निर्धारित रूट पर ही परेड करें। उससे अलग होने से आंदोलन को सिर्फ नुकसान ही होगा।
शांति ही किसान आन्दोलन की ताकत है। शांति टूटी तो सिर्फ आंदोलन को नुकसान होगा।
अपील: pic.twitter.com/oh1z1aa6eU— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 26, 2021
खुद आज शाहजहांपुर में किसानों के साथ परेड निकाल रहे योगेंद्र यादव ने वीडियो संदेश के जरिए दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा, ”सभी साथियों से अपील है कि संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा निर्धारित रूट पर ही परेड करें। उससे अलग होने से आंदोलन को सिर्फ नुकसान ही होगा। शांति ही किसान आंदोलन की ताकत है। शांति टूटी तो सिर्फ आंदोलन को नुकसान होगा।”
दिल्ली के कई इलाकों में बवाल करते हुए प्रदर्शनकारी किसान अब लाल किले में घुस गए हैं। सैकड़ों किसान प्राचीर तक पहुंच गए और यहां ठीक उस जगह पर निशान साहिब और किसान संगठनों के झंडे लगा दिए हैं जहां, हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। हालांकि, कुछ ही देर में पुलिसकर्मियों ने इन झंडों को वहां से हटा दिया। इस दरौन नीचे खड़े प्रदर्शनकारी हूटिंग करते रहे। इसके बाद कई प्रदर्शनकारी गुंबदों पर झड गए और वहां भी झंडे लगा दिए।
#WATCH A protestor hoists a flag from the ramparts of the Red Fort in Delhi#FarmLaws #RepublicDay pic.twitter.com/Mn6oeGLrxJ
— ANI (@ANI) January 26, 2021
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान आज दिल्ली-एनसीआर में ट्रैक्टर परेड निकाल रहे हैं। किसानों द्वारा रूट बदले जाने की वजह से ट्रैक्टर परेड में जमकर हंगामा हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर में लाठीचार्ज और झड़प की खबरों के बीच अब प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के लाल किला में घुस गए हैं। बड़ी, संख्या में किसान लाल किले के आसपास जमा हो गए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। बड़ी संख्या मेंं तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के राष्ट्रीय राजधानी के आईटीओ पहुंचने के बाद लुटियन दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश पर पुलिस के साथ भिड़ंत हुई। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। किसानों ने तय समय से पहले विभिन्न सीमा बिंदुओं से अपनी ट्रैक्टर परेड शुरू की। किसान अनुमति नहीं मिलने के बावजूद मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह तोड़फोड़ की। ट्रैक्टरों को जानलेवा तरीके से सड़कों पर दौड़ाया। आईटीओ चौहारे पर जमकर उत्पात किया गया।
प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते हुए दिखे। पुलिस ने भी लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया। निर्धारित समय से बहुत पहले ही सिंघू, टिकरी एवं गाजीपुर बॉर्डर से तिरंगे और विभिन्न किसान संगठनों के झंडे के साथ मार्च शुरू हो गया। सुरक्षा अधिकारी प्रदर्शनकारियों को निर्धारित रास्ते पर ही मार्च निकालने के लिए राजी करते नजर आए।