देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बीच केंद्र सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने रेलवे के बाद अब सेना को भी मिशन ऑक्सीजन में लगाया है।
वहीं, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने देर शाम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर ऑक्सीजन ट्रांसपोर्टिंग वैन को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। साथ ही ऐसे वाहनों को एम्बुलेंस की तरह विशेष कॉरिडोर मुहैया करवाने को कहा है। उन्होंने राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले बंद प्लांटों को फिर से चालू करने का भी निर्देश दिया है।
इधर,सेना की मेडिकल विंग आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस (AFMS) ने जर्मनी से पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट मंगवाने का फैसला किया है। सेना अगले एक हफ्ते में 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट प्लेन से लाएगी। इन्हें सेना के अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।
एक पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट से प्रति मिनट 40 लीटर और एक घंटे में 2,400 लीटर ऑक्सीजन प्रोडक्शन की क्षमता है। यह 24 घंटे में 20-25 मरीजों के लिए काफी है। इन्हें एक सप्ताह में भारत लाया जाएगा।
सेना के 238 डॉक्टरों को मिला सर्विस एक्सटेंशन
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में रक्षा मंत्रालय ने शॉर्ट सर्विस कमीशन के 238 डॉक्टरों को 31 दिसंबर 2021 तक सर्विस एक्सटेंशन दिया है। इससे डॉक्टरों की कमी पूरी हो सकेगी।
एयर फोर्स के विमान इंदौर से गुजरात ले गए MP के टैंकर
वायुसेना का C-17 विमान शुक्रवार को मध्यप्रदेश के इंदौर एयरपोर्ट पर उतरा। इसके बाद खाली टैंकर लेकर गुजरात के जामनगर के लिए रवाना हो गया। यह टैंकर सड़क मार्ग से ऑक्सीजन लेकर वापस लौटेंगे। रेलवे ने फैसला किया है कि जल्द ही मध्यप्रदेश में भी ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जाएगी। यहां स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) बोकारो और ओडिशा के राउरकेला प्लांट से मेडिकल ऑक्सीजन लाया जाएगा।
लक्षद्वीप में नौसेना ने कमान संभाली
अरब सागर से लगे केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में भी कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम नौसेना ने संभाल लिया है। कोच्चि में नौसेना की दक्षिणी कमान के दो जहाज खाली सिलेंडर लाने और ले जाने का काम कर रहे हैं।
In view of rising #COVID19 cases in Lakshadweep, Southern Naval Command at Kochi has deputed two naval ships as 'oxygen express' to ferry oxygen cylinders to the Union Territory, and to collect empty cylinders for refilling pic.twitter.com/hsljKasScR
— ANI (@ANI) April 23, 2021
बोकारो से UP के लिए रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस की दूसरी ट्रेन
लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) टैंकरों से भरी भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जा रही दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन आज झारखंड के बोकारो से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गई है। इस ट्रेन के शनिवार सुबह 10 बजे तक लखनऊ पहुंचने की उम्मीद है। बोकारो स्टील प्लांट में करीब 4 घंटे के अंदर ऑक्सीजन एक्सप्रेस पर खड़े तीन टैंकरों में 50 टन ऑक्सीजन लोड किया गया।
बोकारो स्टील प्लांट में प्रतिदिन 100 टन से ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। यहां से झारखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई होती है।
रेल मंत्री ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर बताया कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए बोकारो स्टील प्लांट से ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ के लिए चल चुकी है। इसके जल्दी पहुंचने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा चुका है। राज्यों में ऑक्सीजन की तेजी से एवं समुचित सप्लाई के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है और निरंतर कार्य कर रही है।”
उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हेतु बोकारो स्टील प्लांट से ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ के लिये चल चुकी है। इसके जल्दी पहुंचने के लिये ग्रीन कॉरीडोर बनाया जा चुका है।
राज्यों में ऑक्सीजन की तेजी से, एवं समुचित सप्लाई के लिये, रेलवे प्रतिबद्ध है, और निरंतर कार्य कर रही है। pic.twitter.com/0bmd30lWRL
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 23, 2021
दोपहर 1:30 बजे रवाना हुई ट्रेन
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बोकारो से ऑक्सीजन से भरे टैंकरों को लेकर ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन आज दोपहर 1.50 बजे रवाना हुई। इसके शनिवार सुबह तक लखनऊ पहुंचने की संभावना है। ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन की ढुलाई लंबी दूरी के लिए सड़क मार्ग की तुलना में तेज है। ट्रेनें एक दिन में 24 घंटे तक चल सकती हैं लेकिन ट्रक के चालकों को आराम आदि की जरूरत होती है।
बता दें कि टैंकरों की लोडिंग व अनलोडिंग को आसान बनाने के लिए एक रैम्प की जरूरत होती है। कुछ स्थानों पर रोड ओवरब्रिज (ROB) और ओवरहेड इक्विपमेंट (OHE) की हाइट की एक निश्चित सीमा है। ऐसे में रोड टैंकर का 3320 MM ऊंचाई वाला T1618 मॉडल 1290 मिमी ऊंचे फ्लैट वैगनों पर रखे जाने के लिए सही पाया गया। इसके बाद ही ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया था।
महाराष्ट्र की ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन नागपुर पहुंची
इससे पहले गुरुवार देर रात ऑक्सीजन टैंकरों से भरी पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुई थी। शुक्रवार शाम को वह नागपुर पहुंच गई। नागपुर के एडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर जलज शर्मा ने बताया कि हमें 15 मीट्रिक टन की क्षमता वाले तीन टैंकर मिले हैं।
Under the leadership of PM @NarendraModi ji, the first ‘Oxygen Express’ train loaded with liquid medical oxygen tankers from Vizag has reached Nagpur.
3 tankers have been offloaded in Nagpur. The train will proceed to Nashik, delivering oxygen for patients across Maharashtra. pic.twitter.com/9IaMywXDgq
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 23, 2021
महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, यहां ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा प्रोडक्शन के बाद भी कमी बनी हुई है।
क्या है ऑक्सीजन एक्सप्रेस?
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते तेजी से बढ़ी ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए भारतीय रेलवे ने बीते सोमवार से ऑक्सीजन एक्सप्रेस नामक ट्रेन की शुरुआत कर दी है। जिसके तहत पहली ट्रेन सोमवार रात 8:05 बजे रवाना हुई थी।
रेल मंत्रालय के मुताबिक सात डिब्बों की विशेष रेल के हर डिब्बे में 16 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आएगी। इस ट्रेन को आने-जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। यानी यह बिना रूके अपनी जगह पहुंचेगी।