अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ महाराष्ट्र के औरंगाबाद में केस दर्ज किया गया है। उस पर भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट करने के आरोप हैं।
उस्मानी के खिलाफ जाजलान जिले की अंबेड़ के रहने वाले अंबादास आंभोरे ने शिकायत की थी। हिंदू जागरण मंच से जुड़े आंभोरे ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में दावा किया है कि अपने हालिया ट्वीट में शरजील उस्मानी ने भगवान राम को लेकर विवादित ट्वीट कर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की थी।
उस्मानी के खिलाफ अंबेड़ पुलिस ने बुधवार (19 मई 2021) को आईपीसी की धारा 295ए और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार (20 मई 2021) को कहा कि इस मामले को जालना साइबर पुलिस डिपार्टमेंट को ट्रांसफर कर दिया गया है।
हालाँकि, यह कोई पहली बार नहीं है जब एएमयू के पूर्व छात्र नेता ने अपने विवादित ट्वीट्स के जरिए दंगा फैलाने की कोशिश की हो। उसके ट्विटर टाइमलाइन पर बहुत से विवादित कंटेट भरे पड़े हैं। हाल ही में उसने ट्वीट कर कहा था, “जय श्रीराम बोलने वाले सभी हिंदू आतंकवादी हैं।”

इसके अलावा वह आपसी रंजिश में मारे गए मेवात के आसिफ को लेकर भी फेक न्यूज फैला रहा था कि उसे हिंदू संगठनों ने मारा है। जबकि, हरियाणा पुलिस ने एक बयान में किसी भी सांप्रदायिक एंगल से इनकार किया था।

पुलिस को शुरुआती जाँच में पता चला था कि आसिफ सोहना से बसपा नेता जावेद अहमद का करीबी सहयोगी था। वह नूंह से कॉन्ग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद का रिश्तेदार भी था। प्रदीप स्थानीय भाजपा नेता भल्ला का करीबी सहयोगी है, जो भाजपा के सोहना विधायक कंवर संजय सिंह के करीबी सहयोगी हैं।
पुणे में धर्म विशेष को लेकर की थी टिप्पणी
इसी साल फरवरी में महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में उस्मानी शामिल हुआ था। सम्मेलन में उस्मानी ने एक धर्म विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिससे राज्य की सियासत गर्मा गई थी। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरजील उस्मानी के खिलाफ राज्य सरकार से कार्रवाई करने की मांग की थी ।
अलीगढ़ मुस्लिम विवि का छात्र रहा है उस्मानी
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। उmके पिता तारिक उस्मानी अलीगढ़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है। शरजील उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता रहा था। इस विश्वविद्यालय से वह ग्रुज्यूएशन कर रहा था, लेकिन 2018 में इसने पढ़ाई छोड़ दी। दिसंबर 2019 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बाबरी से जुड़ी एक तस्वीर पोस्ट कर उस्मानी चर्चा में आया था। उसके बाद वह देशभर में 2019 में ही सीएए के खिलाफ जारी आंदोलन में शामिल होने लगा। उस्मानी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल हुआ और सरकार से कानून वापस लेने की मांग की।