दिल्ली: नौ दिसंबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने देशविरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेने और देश में क्षेत्रीयता और धर्म के आधार पर रंजिश बढ़ाने के आरोप में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में रहने वाले 16 लोगों के खिलाफ आतंक रोधी कानून यूएपपीए के तहत आरोपपत्र दाखिल किया।
एनआईए के आरोपपत्र में कहा गया है कि अमेरिका से सात आरोपी, ब्रिटेन से छह और कनाडा से तीन आरोपी ‘खालिस्तान’ के गठन के लिए ‘रेफरेंडम 2020’ के बैनर तले अलगाववादी अभियान शुरू करने की साजिश में संलिप्त थे।
विशेष अदालत के सामने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया।
आरोपियों में गुरपतवंत सिंह पन्नून, हरदीप सिंह निज्जर और परमजीत सिंह को गृह मंत्रालय द्वारा आतंक रोधी कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है। पन्नून अमेरिका में, निज्जर कनाडा में और परमजीत ब्रिटेन में है।
आरोप पत्र में अवतार सिंह पन्नून, हरप्रीत सिंह, अमरदीप सिंह पुरेवाल, हरजाप सिंह, सरबजीत सिंह और एस हिम्मत (सभी आरोपी अमेरिका के), गुरप्रीत सिंह बग्गी, सरबजीत सिंह बन्नूर, कुलवंत सिंह मोठाद, दुपिंदरजीत सिंह और कुलवंत सिंह (सभी ब्रिटेन से) और जे एस धालीवाल और जतिंदर सिंह ग्रेवाल (कनाडा के) के नाम हैं ।
एनआईए के मुताबिक ये सभी लोग सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सदस्य हैं। यूएपीए के तहत इस संगठन को गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।
NIA files chargesheet against 16 foreign based Khalistanis in Referendum 2020( Sikhs for Justice) case pic.twitter.com/AlRPS0aqqF
— NIA India (@NIA_India) December 9, 2020
एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक मामले में जांच में पता चला कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ पाकिस्तान समेत विदेशी सरजमीं से खालिस्तान आतंकवादी संगठनों का मुखौटा संगठन है। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ अन्य देशों में मानवाधिकार के पैराकार संगठन के नाम पर यह एक अलगाववादी संगठन है।
फेसबुक, टि्वटर, वाट्सऐप समेत सोशल मीडिया के मंचों पर इसने देशद्रोही और धर्म तथा क्षेत्रीयता के आधार पर रंजिश बढ़ाने, शांति-सौहार्द बिगाड़ने, युवाओं को कट्टर बनाने का अभियान चलाया।