पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद हुईं हिंसक घटनाओं का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने जांच का निर्देश देते हुए दो हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है। मालूम हो कि दो मई को आए पांचों विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बंगाल में कई जगह लूटपाट, हिंसा, हत्याओं के मामले सामने आए थे। बीजेपी ने इसका आरोप टीएमसी पर लगाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी बंगाल के नंदीग्राम में कुछ महिलाओं की कथित तौर पर पिटाई की घटना पर चिंता जताते हुए राज्य पुलिस से कहा था कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और समयबद्ध तरीके से जांच की जाए।
हिंसा की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने कहा कि उसे हिन्दुस्तान टाइम्स समेत विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुईं कई मीडिया रिपोर्ट्स से चुनावी नतीजों के बाद तीन मई को बंगाल में हुईं कई लोगों की मौतों के बारे में पता चला है। राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं की एक-दूसरे के साथ भिड़ंत हुई, जिसमें पार्टी दफ्तरों पर हमला किया गया, जबकि कुछ घरों में भी तोड़फोड़ की गई। कई महत्वपूर्ण सामान को भी लूट लिया गया। जिला प्रशासन और स्थानीय कानून और व्यवस्था प्रवर्तन एजेंसियों ने प्रभावित व्यक्तियों के मानवाधिकारों के इस तरह के उल्लंघन को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की है।
बयान में आगे कहा गया कि निर्दोष नागरिकों के जीवन के कथित उल्लंघन का मामला मानते हुए, आयोग ने आज मामले का संज्ञान लिया है और डीआईजी से जांच विभाग के अधिकारियों की एक टीम गठित करने का अनुरोध किया है। मौके पर तथ्य जांच करने के लिए और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी आयोग ने कहा है, जिसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।
NHRC takes cognizance of alleged Post-poll violence in West Bengal and orders Investigation fact-finding team to conduct spot enquiry.
For details, please see press release at: https://t.co/3bo92RWto2@PTI_News @ANI @PIB_India— NHRC India (@India_NHRC) May 4, 2021
टीएमसी के गुंडों ने किया हमला: बीजेपी
हिंसा के कई मामले सामने आने के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल समर्थित गुंडों ने उनके कई कार्यकर्ताओं की हत्या की, उनके महिला सदस्यों पर हमला किया, घरों में तोड़फोड़ की, पार्टी सदस्यों की दुकानें फूंक दी एवं पार्टी कार्यालयों में उत्पात मचाया। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों से इनकार किया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि कई जिलों में चुनाव बाद हिंसा होने की खबरें मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन करके राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर क्षोभ प्रकट किया। मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रविवार को लोगों से संयम बरतने एवं किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल नहीं होने का आह्वान किया था।
हिंसा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री बनर्जी ने की बैठक
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर मंगलवार को शीर्ष प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है। एक अधिकारी ने बताया कि बनर्जी के कालीघाट निवास पर यह बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया। बैठक में मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय, गृह सचिव एच के द्विवेदी, पुलिस महानिदेशक पी नीरजनयन, कोलकाता के पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा मौजूद थे। पुलिस ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हुई है, जिनमें से एक व्यक्ति की जान कोलकाता में गई।