वीडियो रामपुर बघेलान के बांधा गांव का है. यहां गेहूं का भंडारण किया गया था. बताया जा रहा है कि गेहूं को बोरों में भरकर राज्य के अलग-अलग जिलों में भेजा जाएगा. फिर लोगों के बीच यह बांटा जाएगा.
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मध्य प्रदेश के सतना में गेहूं में मिलावटखोरी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सरकारी गेहूं की पैकिंग के दौरान वजन बढ़ाने के लिए रेत की मिलावट की जा रही थी. हालांकि, इस मामले पर प्रशासन ने जांच के निर्देश दिए हैं. एक अधिकारी के मुताबिक, इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इस मिलावटखोरी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि एक शख्स गेहूं में रेत मिला रहा है.
वीडियो में दिख रहा है कि एक ट्रैक्टर पर एक शख्स खड़ा है. ट्रैक्टर में बालू है. तभी वह एक बरतन की मदद से पास में पड़े गेहूं के ढेर में बालू मिलाने लगता है. वहीं, इस काम में उसके साथ एक और व्यक्ति भी उसका मदद करते हुए दिखता है. वह भी गेहूं के ढेर में बालू फेंकता हुआ नजर आता है. वहीं, इस वीडियो के सामने आते ही कांग्रेस एमपी की बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है.
शिव’राज में मिलावट जारी :
सतना जिले में गेहूँ में मिलाई जा रही रेत, यही गेहूँ बाद में जनता को वितरित किया जाएगा।
शिवराज जी,
जनता को ज़हर देना बंद कीजिए। pic.twitter.com/2AuWz8JB8A— MP Congress (@INCMP) January 31, 2023
कांग्रेस ने एमपी सरकार पर साधा निशाना
एमपी कांग्रेस ने इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से पब्लीश करते हुए लिखा है ‘शिव’राज में मिलावट जारी …सतना जिले में गेहूं में मिलाई जा रही रेत, यही गेहूं बाद में जनता को वितरित किया जाएगा. शिवराज जी, जनता को जहर देना बंद कीजिए. बताया जा रहा है कि वीडियो रामपुर बघेलान के बांधा गांव स्थित सायलो का है. यहां किसानों से गेहूं की खरीद कर उसका भंडारण किया गया था. गेहूं को बोरों में भरकर राज्य के अलग-अलग जिलों में भेजा जाएगा. फिर लोगों के बीच यह बांट दिया जाएगा.
प्रशासन ने जांच के दिए आदेश
वहीं, इस पूरे मामले पर साइलो सेंटर के ब्रांच मैनेजर ज्योति प्रसाद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यहां पर ऐसा कोई मामला नहीं हुआ है. हो सकता है किसी ने रेत डालकर वीडियो बना लिया हो और साजिश के तहत वायरल कर दिया हो. वहीं, इस मामले में एफसीआई के अधिकारियों ने कहा है कि जांच के आदेश दिए गए हैं. हो सकता है कि किसी मजदूर ने पैकिंग के दौरान जो धूल इकट्ठा होती है, उसे डाल दिया हो. हालांकि,घटना की जांच के बाद ही वास्तविक सच्चाई का पता चलेगा.