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पीएम मोदी का जिलाधिकारियों से संवाद, बोले- गांवों में अधिक ध्यान देने की जरूरत, टेस्टिंग बढ़ाएं

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The Prime Minister, Shri Narendra Modi interacting with the State and District officials on COVID-19 situation, through video conferencing, in New Delhi on May 20, 2021.

ममता बैनर्जी बैठक में ड्रामा करना चाहती थी

 

देशभर में कोरोना के हालात पर विचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। पीएम मोदी ने कहा कि गांवों पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। संक्रमण से हर हाल में गांवों को बचा कर रखना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की मौजूदगी से ग्रामीणों का मनोबल बढ़ता। लोगों के अंदर साहस आता है। कई सामाजिक संगठन भी इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।  इस दौरान जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई हैं। पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि देश में एक्टिव केस कम जरूर हुए, लेकिन चिंता कम नहीं हुई है। यह वायरस लगातार अपने स्वरूप बदल रहे हैं, महामारी से निपटने में निरंतर बदलाव जरूरी है। जिलों के सामने इस वक्त चुनौतियां बहुत हैं, इसलिए समाधान भी उसी तरह के होने चाहिए।

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जीवन बचाने के साथ-साथ जीवन को आसान बनाए रखना भी जरूरी-पीएम मोदी

जिलाधिकारियों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस संकट में जीवन बचाने के साथ साथ जीवन को आसान बनाए रखना भी जरूरी है। गरीबों को मदद मिलती रहनी चाहिए। साथ ही दवाओं और उपकरणों की कालाबाजारी पर रोक लगे। 100 साल के इतिहास में ऐसी महामारी नहीं आई थी, लेकिन मुझे भरोसा है आप सभी जिलाधिकारियों पर कि ठोस रणनीति और मजबूत प्लानिग के जरिए आप संक्रमण पर विजय पाएंगे।

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अधिकारियों ने रियल टाइम मॉनिटरिंग तथा क्षमता सृजन में टेक्नोलॉजी के उपयोग के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने जिलों में जन भागीदारी और जागरूकता के बारे में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

 

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इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभी से महामारी से लड़ने में संपूर्ण संकल्प सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने काम को अधिक मांग वाला और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। नई चुनौतियों के बीच नई रणनीतियों और नए समाधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में सक्रिय मामलों में कमी आनी शुरु हो गई है। लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि चुनौतियां तब तक हैं जब तक छोटे रूप में भी यह संक्रमण बना रहता है।

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प्रधानमंत्री ने महामारी से लड़ने में राज्य तथा जिलों के अधिकारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की और कहा कि अनुभवों तथा फील्ड में किए गए कार्य के फीडबैक से व्यावहारिक तथा कारगर नीतियां बनाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर राज्यों और विभिन्न हितधारकों के सुझावों को शामिल करके टीकाकरण की रणनीति को आगे बढ़ाया जा रहा है।

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बैठक में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और उन राज्यों के 54 डीएम भी शामिल  हैं। पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहली बार शामिल हुई। कोरोना की दूसरी लहर में पीएम मोदी की ओर से बुलाई गई किसी भी बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई थीं।

 

टीकाकरण पर जोर देने की अपील

दरअसल, पिछले दिनों नौ राज्यों के जिला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना से जुड़े आंकड़े राज्यों को पारदर्शी तरीके से बताने चाहिए।. ज्यादा संख्या होने पर घबराना नहीं चाहिए। पीएम मोदी ने संवाद के दौरान टेस्टिंग और टीकाकरण में और तेजी लाने की अपील की। साथ ही प्रधानमंत्री ने कोरोना की दवाओं और उपकरणों की कालाबाजारी पर नकेल कसने की जरूरत पर भी जोर दिया था। इसके अलावा पीएम मोदी ने गांवों में फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए घर-घर कोरोना टेस्टिंग पर जोर दिया।

 

बैठक में बोलने नहीं दिया गया- ममता बनर्जी

पीएम की इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भी शामिल हुई लेकिन बैठक के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया. मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि, बैठक में कठपुतलियों की तरह बैठा कर रखा, हम अपमानित महसूस कर रहे हैं हमें बोलने नहीं दिया गया. ऑक्सीजन-ब्लैक फंगस पर कुछ नहीं पूछा”

 

जबकि पश्चिम बंगाल से पीएम और डीएम की बैठक के लिए 24 उत्तर परगना ज़िले के डीएम ने अपनी बात रखने के लिए कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने डीएम के बोलने के समय को रद्द कर दिया और कहा कि वे खुद बोलेगी। सूत्रों का कहना है कि, ये बैठक पीएम और डीएम के बीच सीधे संवाद के लिए आयोजित की गई है।

 

ममता बैनर्जी बैठक में ड्रामा करना चाहती थी

इसमें मुख्यमंत्री उपस्थित रह सकते हैं ताकि डीएम जो भी अनुभव और दिक्कत बताए वे मुख्यमंत्री के संज्ञान में सीधे आ जाये. इसलिए डीएम को बात रखने की इजाज़त है जबकि ममता बैनर्जी, जब पीएम और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक आयोजित की जाती है तब बैठक में शामिल नहीं होती हैं. सूत्रों के मुताबिक ममता बैनर्जी ने जब डीएम उत्तर परगना के बात रखने के समय को रद्द करवा दिया तब समझ आ गया था कि ममता बैनर्जी बैठक में ड्रामा करना चाहती थी।