प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश से संवाद किया। पीएम मोदी के मासिक कार्यक्रम का यह 80वां संस्करण है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत मेजर ध्यानचंद से की और अपने संबोधन के अंत में उन्होंने हुनरमंद लोगों को महत्व देने की अपील की। हर माह के आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम के पिछले संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने करगिल के युद्धवीरों के बारे में बात की थी।
हुनर को सम्मान देना होगा, हुनरमंद होने के लिए मेहनत करनी होगी: पीएम मोदी
अगले कुछ दिनों में ही विश्वकर्मा जयंती भी आने वाली है। भगवान विश्वकर्मा को हमारे यहां विश्व की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है। जो भी अपने कौशल से किसी वस्तु का निर्माण करता है, सृजन करता है, चाहे वो सिलाई-कढ़ाई हो, सॉफ्टवेयर हो या फिर सैटलाइट, ये सब भगवान विश्वकर्मा का प्रगटीकरण है। हमें हुनर को सम्मान देना होगा, हुनरमंद होने के लिए मेहनत करनी होगी। हुनरमंद होने पर गर्न होना चाहिए: पीएम मोदी
हाल के दिनों में जो प्रयास हुए हैं, उनसे संस्कृत को लेकर एक नई जागरूकता आई है: पीएम मोदी
हाल के दिनों में जो प्रयास हुए हैं, उनसे संस्कृत को लेकर एक नई जागरूकता आई है। अब समय है कि इस दिशा में हम अपने प्रयास और बढ़ाएं। हमारी विरासत को संजोना, उसको संभालना, नई पीढ़ी को देना ये हम सबका कर्त्व्य है और भावी पीढ़ियों का उस पर हक भी है। अब समय है इन कामों के लिए भी सबका प्रयास ज्यादा बढ़े: पीएम मोदी
हमारे यहां संस्कृत के बारे में कहा गया है- अमृतम् संस्कृतम् मित्र, सरसम् सरलमु वच: पीएम मोदी
हमारे यहां संस्कृत के बारे में कहा गया है- अमृतम् संस्कृतम् मित्र, सरसम् सरलमु वच:। एकता मूलकम् राष्ट्रे, ज्ञान विज्ञान पोषकम्।
अर्थात, हमारी संस्कृच भाषा सरस भी है, सरल भी है। संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है। संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है।
स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को हमें कभी भी मंद नहीं पड़ने देना है: पीएम मोदी
आज जब हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो हमें ये याद रखना है कि स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को हमें कभी भी मंद नहीं पड़ने देना है। हमारे देश में जितने ज्यादा शहर ‘वॉटर प्लस सिटी’ होंगे उतना ही स्वच्छता भी बढ़ेगी, हमारी नदियां भी साफ होंगी और पानी बचाने की एक मानवीय जिम्मेवारी निभाने के संस्कार भी होंगे: पीएम मोदी
इस कोरोना कालखंड में स्वच्छता के विषय में मुझे जितनी बातें करनी चाहिए थी, लगता है शायद उसमें कुछ कमी आ गई थी: पीएम मोदी
इस कोरोना कालखंड में स्वच्छता के विषय में मुझे जितनी बातें करनी चाहिए थी, लगता है शायद उसमें कुछ कमी आ गई थी। मुझे भी लगता है कि स्वच्छता के अभियान को हमें रत्ती भर भी ओझल नहीं होने देना है। राष्ट्र निर्माण के लिए सबका प्रयास कैसे सबका विकास करता है इसके उदाहरण हमें प्रेरणा भी देते हैं और कुछ करने के लिए एक नई ऊर्जा भर देते हैं, नया विश्वास भर देते हैं, हमारे संकल्प में जान फूंक देते हैं: पीएम मोदी
कल जन्माष्टमी का महापर्व भी है। जन्माष्टमी का ये पर्व यानी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पर्व: पीएम
कल जन्माष्टमी का महापर्व भी है। जन्माष्टमी का ये पर्व यानी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पर्व। हम भगवान के सब स्वरूपों से परिचित हैं, नटखट कन्हैया से लेकर विराट रूप धारण करने वाले कृष्ण तक, शास्त्र सामर्थ्य से लेकर शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक। कला हो, सौंदर्य हो, माधुर्य हो, कहां-कहां कृष्ण हैं। इस महीने की 20 तारीख को भगवान सोमनाथ मंदिर से जुड़े निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया है। सोमनाथ मंदिर से 3-4 किलोमीटर दूरी पर ही भालका तीर्थ है, ये भालका तीर्थ वो है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर अपने अंतिम पल बिताए थे। एक प्रकार से इस लोक की उनकी लीलाओं का वहां समापन हुआ था। सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा उस सारे क्षेत्र में विकास के बहुत सारे काम चल रहे हैं: पीएम मोदी
इस बार ओलंपिक ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है: पीएम मोदी
इस बार ओलंपिक ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है। ओलंपिक के खेल पूरे हुए, अभी पैरालंपिक चल रहा है। देश को हमारे इस खेल जगत में जो कुछ भी हुआ, विश्व की तुलना में भले कम होगा, लेकिन विश्वास भरने के लिए तो बहुत कुछ हुआ। आज युवा सिर्फ स्पोर्ट्स की तरफ देख ही रहा ऐसा नहीं है, लेकिन वह उससे जुड़ी संभावनाओं की भी ओर देख रहा है। उसके पूरे इकोसिस्टम को बहुत बारीकी से देख रहा है, उसके सामर्थ्य को समझ रहा है और किसी न किसी रूप में खुद को जोड़ना भी चाहता है। अब वो कनवेंशनल चीजों से आगे जाकर न्यू डिसिप्लीन को अपना रहा है।
आज का युवा सर्वोत्तम करना चाहता है, सर्वोत्तम तरीके से करना चाहता है: पीएम
आमतौर पर हमारे यहां स्वभाव बन चुका था, होती है, चलो यार चलता है, लेकिन मैं देख रहा हूं, मेरे देश का युवा मन अब सर्वश्रेष्ठ की तरफ अपने आपको केंद्रित कर रहा है। सर्वोत्तम करना चाहता है, सर्वोत्तम तरीके से करना चाहता है। ये भी राष्ट्र की बहुत बड़ी शक्ति बनकर उभरेगा: पीएम मोदी
आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है: पीएम मोदी
आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नए रास्ते बनाना चाहता है। अनजान जगह पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नई, लक्ष्य भी नए, राह भी नई और चाह भी नई। एक बार मन में ठान लेता है न युवा, जी-जान से जुट जाता है। दिन-रात मेहनत कर रहा है: पीएम मोदी
खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है: पीएम
जब खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। युवा का मन बदल चुका है और आज का युवा मन घिसे-पिटे पुराने तौर तरीकों से कुछ नया करना चाहता है, हटकर करना चाहता है: पीएम मोदी
ओलंपिक में पदक से मेजर ध्यानचंद जी की आत्मा को खुशी हुई होगी: पीएम
कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जबतक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक बाद मिला। आप कल्पना कर सकते हैं मेजर ध्यानचंद जी के दिल पर, उनकी आत्मा पर, वो जहां होंगे, वहां कितनी प्रसन्नता होगी।
मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित कर के दी।
मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित कर के दी। आज मेजर ध्यानचंद की जयंती है।