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म.प्र मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान : जेलों में 300 बंदी कोराना संक्रमित…शिवपुरी मेें तीन आदिवासी बच्चों की मौत

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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन से जुड़े तीन मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश की जेलों में 300 बंदी कोराना संक्रमित

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जेलों में संक्रमण का खतरा बढ गया है। मध्यप्रदेश की जेलों में अभी तक 300 बंदी संक्रमित हुये हैं। जेल प्रशासन कोरोना की रोकथाम के लिये प्रयास कर रहा है, लेकिन क्षमता से अधिक बंदी होने के कारण संकट से बचने के उपाय आसान नहीं है। बंदियों की संख्या कम करने के लिये जेल प्रशासन द्वारा 4500 बंदियों को पैरोल पर छोडा गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान करीब 8000 नये बंदी जेल पहुंचे हैं। इससे बंदियों की संख्या कम नहीं हुई है और शारीरिक दूरी रखने जैसे उपाय करने में भारी दिक्कतें आ रही है। इस बीच जेलों में भी संक्रमण पहुंच चुका है। इस मामले में आयोग ने पुलिस महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, मध्यप्रदेश से 18 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने जेल महानिदेशक से यह भी पूछा है कि कितने कैदियों को पहला व दूसरा टीका लग चुका है ? यदि नहीं लगा है, तो क्यों, कारण बताएं ? यह भी बताएं कि कोरोना से बचने के लिये सभी जेलों में क्या व्यवस्थाएं की गई हंै ?

प्रायवेट अस्पताल ने चिपकाया पर्चा ’आॅक्सीजन नहीं है’ प्रशासन का दावा – पर्याप्त दी आॅक्सीजन
कटनी जिले में कई अस्पतालों में आॅक्सीजन की कमी है और मरीजों के परिजन परेशान हैं। कटनी के एक प्रायवेट अस्पताल ने ’आॅक्सीजन उपलब्ध नहीं है’ का पर्चा चिपका दिया। डाॅक्टरों का कहना है कि प्रशासन द्वारा उन्हें आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, लेकिन प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है कि आॅक्सीजन की कोई कमी नहीं है और संबंधित अस्पताल को जरूरत के मुताबिक आॅक्सीजन सप्लाई की जा रही है। कटनी शहर के आदर्श कालोनी क्षेत्र के प्रायवेट अस्पताल श्रीराम मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के प्रबंधन ने अपने गेट पर ’आॅक्सीजन उपलब्ध नहीं है, मरीजों की भर्ती नहीं हो सकेगी’ का पर्चा चिपका दिया है। वहीं भर्ती मरीजों के परिजन आॅक्सीजन के लिये इधर-उधर भटक रहे हंै। जबकि जिला प्रशासन के मुताबिक अस्पताल को पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कटनी से 11 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से यह भी पूछा है कि आॅक्सीजन उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई ? प्रशासन के अनुसार यदि आॅक्सीजन उपलब्ध कराई गई है, तो संबंधित अस्पताल के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है ?

शिवपुरी मेें तीन आदिवासी बच्चों की मौत, तीन गंभीर

शिवपुरी जिले के कोलारस थाना क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य बैरसिया गांव में 24 घंटे में तीन बच्चों ने दम तोड दिया। तीन की हालत गंभीर है। मौत का कोई कारण सामने नहीं आया है। ग्रामीणों का कहना है कि बीते शुक्रवार को एक फेरीवाला तरबूज जो बेच रहा था। बच्चों ने उसी से तरबूज खरीद कर खाया था। इसके बाद से ही उनकी तबीयत बिगडने लगी। सूचना मिलने पर जिला प्रशासन की टीम गांव पहुंची और बच्चों सहित कुछ लोगों का कोरोना सेम्पल भी लिया। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी से 11 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है।