भाजपा नेता उमा भारती ने शिवराज चौहान को लिखे पत्र में 6 सुझाव भी दिए हैं कि शराब नीति को कैसे बनाया जाना चाहिए. भारती ने एक प्वाइंट में लिखा कि शराब की दुकानें अस्पतालों, अदालतों और बस स्टॉप के एक किलोमीटर के दायरे से बाहर होनी चाहिए.
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मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता उमर भारती ने शराब नीति को लेकर एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उमा भारती ने बताया कि एक नई शराब नीति तैयार करने से पहले सरकार द्वारा अन्य लोगों के साथ उनसे परामर्श किया जाना था, लेकिन तब से ऐसा नहीं किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारती ने शिवराज चौहान को लिखे पत्र में 6 सुझाव भी दिए हैं कि शराब नीति को कैसे बनाया जाना चाहिए.
पत्र में दिए गए सुझाव इस प्रकार हैं.
1. सार्वजनिक रूप से शराब पीना प्रतिबंधित होना चाहिए.
2. शराब की दुकान सभी शिक्षण संस्थानों से एक किलोमीटर दूर होनी चाहिए.
3. धार्मिक स्थलों के आधा किलोमीटर के दायरे में शराब की कोई दुकान नहीं होनी चाहिए.
4. शराब की दुकानें अस्पतालों, अदालतों और बस स्टॉप के एक किलोमीटर के दायरे से बाहर होनी चाहिए.
5. शराब की दुकानों के बाहर और अन्य जगहों पर पीने और धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स होने चाहिए.
6. शराब की दुकानों के परिसर में शराब पीने पर प्रतिबंध होना चाहिए.
उमा भारती ने पत्र में जोर दिया कि सीगरेट और बीड़ी से होने वाले बीमारी और नुकसान बताने वाले पोस्टर के समान ही शराब की दुकान पर उससे होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी के होर्डिंग्स लगाएं जाएं.
इसके पहले भी शराबबंदी पर उमा भारती ने दिया था जोर
बता दें कि इससे पहले अक्टूबर में उमा भारती ने कहा था कि वह अगले छह महीने से एक साल के भीतर शराबबंदी पर ऐसी शर्तें लगा देंगी कि सभी अधिकारी और प्रशासन सहम जाएंगे.
भारती ने कहा था, “भय बिन प्रीत ना होए (डर के बिना प्यार नहीं).” साथ ही उन्होंने कहा था, “अगली बार ऐसा हो सकता है कि अगर मैं आऊं तो शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी.” साथ ही उन्होंने यह भी कहा था, “मैं नहीं चाहती कि मेरे आने पर दुकानें बंद हों और मेरे जाने के बाद खुलें. मैं चाहती हूं कि एक निर्णय या नीति बनाई जाए कि ये दुकानें हमेशा के लिए बंद हो जाएं. इसका मतलब यह नहीं है कि मैं खुद को तीस मार खान मानती हूं.” मैं वास्तव में 60 मार खान (डबल वन) बनना चाहती थी.”