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JUDA Strike : 17 से 70 हजार किया स्टायपेंड, फिर भी नहीं मान रहे डॉक्टर, मंत्री ने इन बातों पर जताया अफसोस

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भोपाल. मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सरकार सख्ती के मूड में आ गई है. सरकार ने डॉक्टरों को दो टूक कह दिया है कि हमने इनकी मांग मान ली है और स्टायपेंड 17 से बढ़ाकर 70 हजार कर दिया है. इसके बावजूद जिस समय मानवता को इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है, उस वक्त ये हड़ताल कर रहे हैं. ये ठीक नहीं.

जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल के चौथे दिन भी कोरोना के साथ ब्लैक फंगस, जनरल ओपीडी, इमरजेंसी सेवाओं को बंद कर रखा. इस हड़ताल पर सरकार और जूनियर डॉक्टर्स के बीच तकरार बनी हुई है. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) अपनी मांगों का लिखित आदेश जारी करने की बात को लेकर अड़े हैं. जबकि सरकार ने कहा कि उनकी मांगों को मान लिया गया है.

हर साल 6 फीसदी की दर से बढ़ाया स्टायपेंड- मंत्री

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार को दो टूक कहा कि जूडा की मांगों को मान लिया है. 17 हज़ार से 70 हज़ार तक स्टायपेंड कर दिया है. ट्रेनिंग में इतना पैसा दिया जा रहा है. यह उनकी सैलरी नहीं. जब पीड़ित मानवता को सबसे ज़्यादा ज़रूरत है उस समय हड़ताल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर साल 6 प्रतिशत की दर से डॉक्टरों का स्टायपेंड बढ़ाया है. 6 में से 4 मांगे मांग ली है.सरकार डॉक्टरों के खिलाफ नहीं- सारंग

मंत्री सारंग ने कहा कि हम जूडा पर कार्रवाई नहीं करना चाहते. हम कल्याण करना चाहते हैं. कानून में बहुत सारे प्रावधान हैं लेकिन सरकार कोई इस तरह का कदम उठाना नहीं चाहती. यह डॉक्टर्स देश दुनिया में काम करेंगे. मरीज़ों को अगर तकलीफ होगी तो फिर हम कार्रवाई करेंगे. ऐसे समय विपक्ष के नेता मरीज़ों के खिलाफ खड़े हो जाते हैं.

कम हो रही कोरोना की गति

विश्वास सारंग ने बताया कि कोरोना की गति कम होना संतोष की बात. रोज़ कोरोना कर्फ्यू में छूट दी जा रही है. सीएसटी अपने क्षेत्र में मॉनिटरिंग कर रही है. अब पूरे प्रदेश में सीएसटी का गठन होगा. ग्रामीण इलाकों में ठीक ढंग से वैक्सीनशन हो सके यह सुनिश्चित किया जा रहा है. अस्पतालों में बेड की कमी नहीं है. स्थिती बेहतर हो चुकी है.