Home National हिमंता बिस्व सरमा होंगे असम के अगले मुख्यमंत्री, जानिए इनके बारे में

हिमंता बिस्व सरमा होंगे असम के अगले मुख्यमंत्री, जानिए इनके बारे में

178
0

गुवाहाटी, एजेंसी : कई दिनों तक मंथन के बाद अब हिमंत बिस्वा सरमा के असम के अगले मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। उन्हें असम बीजेपी के विधायक दल ने अपना नेता चुन लिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को ही राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंपा था। बता दें कि दिल्ली में हुई बैठक के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि असम की कमान हिमंत बिस्वा सरमा को सौंपी जा सकती है तो वहीं सोनोवाल को वापस दिल्ली बुलाया जा सकता है।

 

इससे पूर्व विधायक दल की बैठक से पहले ही मौजूदा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस्तीफा दे दिया। बता दें, अभी सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री थे और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा गया था। हालांकि पार्टी ने किसी को सीएम पद का चेहरा नहीं बनाया था। असम में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी महासचिव अरुण सिंह को नामित किया है तथा ये दोनों नेता गुवाहाटी पहुंच चुके हैं।

इससे पहले नए मुख्यमंत्री का सस्पेंस शनिवार को भी जारी रहा। इस सिलसिले में शनिवार को सर्बानंद सोनोवाल और हिमंता बिस्व सरमा ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। कई बैठकों के दौर के बाद सरमा ने बताया कि भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को गुवाहाटी में होने की संभावना है और अगली सरकार से संबंधित सभी सवालों के जवाब वहीं दिए जाएंगे।

 

असम के वर्तमान मुख्यमंत्री सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री Hemant Biswas Sharma को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया था। इस संदर्भ में शनिवार को दोनों नेताओं, नड्डा, शाह और भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष के बीच चार घंटे से अधिक समय तक तीन दौर की बातचीत हुई। नड्डा के आवास पर हुईं इन बैठकों में पहले दो दौर में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सोनोवाल और सरमा से अलग-अलग मुलाकात की। जबकि तीसरे और अंतिम दौर में शीर्ष नेतृत्व ने असम के दोनों नेताओं को एक साथ बैठाकर बातचीत की। इन बैठकों में असम में अगली सरकार के गठन और मुख्यमंत्री का मुद्दा ही छाया रहा। बैठक के लिए सोनोवाल और सरमा अलग-अलग नड्डा के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन बैठकों के बाद दोनों एक ही कार में वहां से रवाना हुए।