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G20 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आर्थिक हित नहीं, इंसानियत पर करें फोकस

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नई दिल्ली, एजेंसी। सऊदी अरब में गुरुवार से जी-20 देशों का आपातकालीन शिखर सम्मेलन शुरू हो गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की। पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना वायरस के संकट को लेकर कहा कि वैश्विक समृद्धि, सहयोग के लिए हमारे दृष्टिकोण के केंद्र बिंदु में आर्थिक लक्ष्यों के स्थान पर मानवता को रखा जाना चाहिए।

जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनिया के कई शीर्ष नेताओं ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के समन्वित उपायों पर चर्चा की। जबकि सम्मेलन की अध्यक्षता सऊदी अरब के सुलतान सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद ने की।

प्रधानमंत्री मोदी बोले- सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों
जी-20 वीडियो कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संकट को लेकर कहा कि वैश्विक समृद्धि, सहयोग के लिए हमारे दृष्टिकोण के केंद्र बिंदु में आर्थिक लक्ष्यों के स्थान पर मानवता को रखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही दुनिया भर में कहीं अधिक अनुकूल, प्रतिक्रियात्मक और सस्ती मानव स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली का विकास करने की वकालत की।

पीएम मोदी ने मानव के विकास के लिए मेडिकल शोध को स्वतंत्र रूप से और खुल कर साझा करने की अपील भी की। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संगठनों को मजबूत करने की अपील की। 

वहीं सूत्रों के मुताबिक पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के फैलने को लेकर किसी देश पर दोषारोपण के बजाय इससे निपटने के उपायों पर चर्चा की गई। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 नेताओं से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों और डब्ल्यूएचओ को मजबूत करने और आर्थिक कठिनाइयों को कम करने की योजना पर काम करने के लिए भी कहा।

पीएम मोदी ने कहा कि मंच आर्थिक मुद्दों को उठाने और उन्हें दूर करने के प्रयासों का मंच बन गया है। कई स्तरों पर वैश्वीकरण ने हमें विफल कर दिया है, फिर चाहे वह आतंकवाद या जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में ही क्यों ना हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 के संकट ने हमें वैश्वीकरण की एक नई अवधारणा को देखने का अवसर प्रदान किया है। वह अवसर जो ना केवल आर्थिक मुद्दों पर बल्कि मानवता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी उतना ही ध्यान केंद्रित करता है।

कोरोना से निपटने को लेकर हुई चर्चा: विदेश मंत्रालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कोविड19 महामारी और इसके मानवीय और आर्थिक निहितार्थों पर समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया के दौरान जी20 के नेताओं को संबोधित किया। एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस दौरान पीएम के साथ मौजूद रहे।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि चर्चा के दौरान किसी भी नेता ने महामारी के समय को परिभाषित करने की कोशिश नहीं की क्योंकि इसे परिभाषित नहीं किया जा सकता। अधिक प्रभावी और तेज डायग्नोस्टिक किट विकसित करने और उन्हें शीघ्र उपलब्ध करने के तरीके पर जरूर चर्चा की गई।

सूत्र ने कहा कि जी20 नेताओं ने इस बात की सराहना की कि भारत ने न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि कोविड19 महामारी से लड़ने के लिए वैश्विक स्तर पर भी भूमिका निभाई। सूत्रों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुखों ने भी शिखर सम्मेलन की शुरुआत में संबोधित किया। यह निर्णय लिया गया कि जी20 कोविड19 पर एक योजना लेकर आएगा।

कोविड19 के सबसे ज्यादा मामले जी20 देशों में: पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड19 का संकट बीते तीन महीने से जारी है और हम अभी भी इससे निपटने के तरीके खोज रहे हैं। पूरा विश्व हमारी ओर से उठाए गए कदमों को देख रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि खतरनाक महामारी की सामाजिक और आर्थिक लागत का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि कोविड19 के 90 फीसदी मामले और 88 फीसदी मौतें जी20 देशों में हुई हैं। जबकि जी20 देश का विश्व जीडीपी में 80 फीसदी हिस्सा है और उनकी आबादी विश्व जनसंख्या की 60 फीसदी है।

कोविड19 महामारी की आर्थिक और सामाजिक लागत कम करने और वैश्विक वृद्धि, बाजार स्थिरता और मजबूती को बरकरार रखने के लिए सभी उपलब्ध नीतिगत संसाधनों का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध जी20 नेताओं ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर के निवेश को लेकर भी प्रतिबद्ध जताई।

कोविड19 महामारी को रोकने और लोगों की सुरक्षा के लिए जी20 नेताओं ने सभी आवश्यक उपाय करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में डब्ल्यूएचओ के निर्देशों को लागू करने को लेकर भी सहमति जताई। जिसमें चिकित्सा आपूर्ति, नैदानिक उपकरण, उपचार, दवाएं और टीके की डिलीवरी शामिल हैं।