यात्राओं का जगह-जगह हुआ ऐतिहासिक और भव्य स्वागत
जगह जगह हुअ स्वागत सम्मान विहिप धर्म प्रसार की बस स्टेंड पर हुई विशाल धर्मसभा
झाबुआ। राकेश पोद्दार। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को झाबुआ की धरा धर्म धरा में तब्दील हुई। जब एक तरफ शहर के शिवालयों में बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा भक्ति-आराधना की जा रहीं थी। इसी बीच शहर में एक साथ चार कावड़ यात्राओं का आगमन हुआ। जिसमें शामिल हर आयु के हजारांे यात्रियों के मुख से निकले शिव जयकारांे से पूरा शहर गूंजायमान हुआ। पूरा शहर शिव भक्ति सराबोर हो गया। शहर में हजारों यात्रियों का विभिन्न सामाजिक-घार्मिक एवं राजनैतिक पार्टियों से भी जुड़े सैकड़ों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने हर चौक, तिराहे-चौराहे और प्रमुख मार्गों पर आत्मीय अभिनंदन एवं स्वागत किया। विहिप धर्म प्रसार की बस स्टैंड पर विशाल धर्मसभा हुई तो शिवगंगा की झाबुआ प्रखंड की धर्मसभा का आयोजन कृषि मंडी प्रांगण में हुआ। नर्मदेश्वर कावड़ यात्रियों ने महर्षि विद्या मंदिर परिसर में ठहराया किया तो शिवजी के जयकारे लगाते हुए और नाचते-झूमते हुए शिवम कावड़ यात्रा के कावडिएं शहर के प्रमुख मार्गों से कतारबद्ध होकर निकले।
1 अगस्त, सोमवार को वह पावन अवसर था, जब पूरा शहर शिव भक्ति में रमा रहा। चारो ओर बस भगवान भोलेनाथजी के ही जयकारे सुनाई दिए। हजारों भक्तों में शिव भक्ति-आराधना, पूजा-अर्चना और जयकारों को लेकर अपार उत्साह नजर आया। शहर के शिवालयों सिद्धेश्वर कॉलोनी स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, छोटा तालाब स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर, डीआरपी लाईन स्थित स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर, विवेकानंद कॉलोनी स्थित उमापति महादेव मंदिर, कॉलेज मार्ग स्थित प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर, गोपाल कॉलानेी स्थित महाकाल मंदिर, लक्ष्मीनगर कॉलोनी स्थित श्री योगेश्वर महादेव मंदिर, राजवाड़ा स्थित श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से लेकर देर रात तक श्रद्धालुओं का दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहा। मंदिरों में फरियाली खिचड़ी एवं केसरिया दूध का प्रसाद वितरण के साथ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी दिनभर संपन्न हुए। रात्रि में मंदिरों में आकर्षक विद्युत सज्जा के साथ भगवान की सुंदर झांकियां भी सजाई गई, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। श्रद्धालुओं ने तीसरे सोमवार को व्रत, उपवास आदि कर फलाहार ग्रहण किया एवं शिवजी के प्रति अकूट आस्था तथा भक्ति को प्रकट किया।
विहिप धर्मप्रसार की कावड़ यात्रा ने रचा इतिहास
विश्व हिन्दू परिषद् धर्म प्रसार मालवा प्रांत द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिला स्तर की विशाल कावड़ यात्रा देवझिरी तीर्थ स्थल से निकाली गई। जहां सुबह 10 बजे से ही जिलेभर से कावड़ियों का एकत्रितकरण आरंभ हो गया था। यहां सभी ने नर्मदा नदी के बह रहे कुंड में स्नान कर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर बाद कावड़ में जल भरकर सभी कतारबद्ध हुए। यहां से दोपहर 12 बजे यात्रा का आगाज हुआ। जिसमें सबसे आगे विहिप धर्म प्रसार का बेनर लेकर दो युवक चले। इसके पीछे डीजे पर धार्मिक गीतों की प्रस्तुति दी गई। जिसके पीछे विहिप धर्म प्रसार के प्रांतीय पदाधिकारी दीपक निनामा, विहिप धर्म प्रसार जिला प्रमुख कमलसिंह महाराज, जिले के प्रसिद्ध संत अनसिंह महाराज, विहिप धर्म प्रसार के विभाग प्रमुख एवं आदिवासी समाज सुधारक संघ के संरक्षक आजाद प्रेमसिंह आदि ने नेतृत्व प्रदान किया। जिला प्रमुख कमलसिंह महाराज अपने पिता स्व. खुमसिंह महाराजजी की तस्वीर साथ लेकर चले। इसके पीछे हजारों ग्रामीण मातृ शक्तियों सिर पर सजे-संवरे कलश लेकर चली। सबसे पीछे हजारों की संख्या में हर आयु के यात्रियों ने भाग लेकर कंधों पर सजे-धजे कावड़ लेकर केसरिया वस्त्रों में भोलेशंभु-भोलेनाथ, हर-हर बम-बम … आदि के जमकर जयघोष लगाए। यह कावड यात्रा मोहनपुरा, गड़वाड़ा, अनास नदी, किशनपुरी, राजगढ़ नाका, डीआरपी लाईन, नेहरू मार्ग, राजवाड़ा, राधाकृष्ण मार्ग, थांदला गेट, मेन बाजार, फव्वार चौक होते हुए बस स्टेंड पर समापन हुआ। जहां विशाल धर्मसभा का आयोजन हुआ। कावड़ियों की भीड़ से पूरा बस स्टैंड खचाखच भर गया। बस स्टैंड भगवामय हुआ। यहां अतिथियों और वक्ताओं ने उद्बोधन में मुख्य रूप से हिन्दू संप्रदाय के समस्त लोगों को एकजुटता का संदेश के साथ धर्मांतरण मुक्त भारत पर जोर दिया गया। संपूर्ण यात्रा को सफल बनाने में विहिप मेन इकाई के जिलाध्यक्ष रमेश निनामा, धर्म प्रसार के जिला उपाध्यक्ष जोगाभाई सिंगाड़, जिला मंत्री राजूभाई निनामा, विहिप के जिला पदाधिकारी अंतिम शर्मा, कृष्णालाल शाह, राहुल डामोर, रोशन सावलानी आदि का विशेष सहयोग रहा।
शिवगंगा ने भी देवझिरी से निकाली भव्य कावड़ यात्रा
इसी बीच शिवगंगा द्वारा भी पवित्र तीर्थ स्थल देवझिरी से भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। शिवगंगा द्वारा इस वर्ष पदम्श्री शिवगंगा प्रमुख महेश शर्मा के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में जिले मंे 80 स्थानों पर श्रावण मास में कावड़ यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें श्रावण मास के तीसरे सोमवार को जिले में कुल 15 यात्राएं निकाली गई। जिसमें झाबुआ प्रखंड की कावड़ यात्रा देवझिरी तीर्थ स्थल से आरंभ हुई। जिसमें सैकड़ों की संख्या मंें युवाआंे और बच्चांे ने भाग लेकर शिवजी के जयकारे लगाए। कावड़ों को सुंदर रूप से सुसज्जित किया गया। आगे डीजे पर धार्मिक गीतो और भजनों के बीच यह यात्रा भी मोहनपुरा, गडवाड़ा, अनास नदी, किशनपुरी होते हुए कृषि उपज मंडी में धर्मसभा का आयोजन हुआ। इससे पूर्व सभी यात्रियों के लिए यहां फरियाली, फल, चाय आदि की व्यवस्था की गई। धर्मसभा मंे यात्रा प्रभारी विक्रम गरवाल, राकेश भूरिया, शंकर मेड़ा, नारायणभाई आदि ने हिन्दू संस्कृति एवं परपंराओं तथा आदिवासी बाहुल जिले की संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए शिवजी की भक्ति-आराधना के आध्यात्मिक रहस्य के बारे में बताया। बाद यहां से सभी कावड़ यात्रियों ने शहर भ्रमण करते हुए अपने-अपने गांवों मंे जाकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक किया।
राष्ट्र प्रेम को प्रकट करती निकली नर्मदेश्वर कावड़ यात्रा
मां नर्मदा कावड़ यात्रा सेवा समिति द्वारा श्रावण मास के प्रत्येक सोेमवार को राजवाड़ा चौक से सुबह 5.30 बजे से सभी कावड़ियों के एकत्रित होने के बाद यहां से देवझिरी से झाबुआ तक की भव्य कावड़ यात्रा निकाली जा रहीं। प्रथम यात्रा 18 जुलाई, द्वितीय यात्रा 25 जुलाई एवं तृतीय यात्रा 1 अगस्त, सोमवार को सभी कावड़ियों द्वारा राजवाड़ा पर प्रातःकाल इकट्ठे होने के बाद यहां से दो पहिया वाहनों से देवझिरी पहुंचकर वहां से नर्मदा नदी का जल कावड़ में भरकर बाद सभी रानापुर रोड़ पर महर्षि विद्या मंदिर परिसर में इकट्ठे हुए। यहां से दोपहर करीब 1 बजे यात्रा की शुरूआत की गई। जिसमें भी हजारों कावड़ियों ने सजे-धजे कावड़ लेकर शिव के प्रति आस्था एवं श्रद्धा को प्रकट किया। कई यात्रियों ने, जिसमें विशेषकर युवाओं और छोटे-छोटे बच्चों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर हिन्दू धर्म के साथ राष्ट्रप्रेम को भी प्रकट किया। इस दौरान सभी ने गुलाल से भी जमकर होली खेली। यह यात्रा रानापुर रोड़, मोजीपाड़ा, गोपाल मंदिर, राजगढ़ नाका, डीआरपी लाईन तिराहा, नेहरू मार्ग, आजाद चौक, मुख्य बाजार होते हुए शहर के सभी शिव मंदिरों मंे जलाभिषेक के बाद सभी यात्री अपने-अपने गंतव्य स्थल की ओर रवाना हुए। अंतिम सोमवार 8 अगस्त को भी यह यात्रा देवझिरी से होते हुए शहर भ्रमण करेंगी।
नाचते-गाते हुए पूरे उत्साह के साथ चले शिव भक्त
चौथी कावड़ यात्रा कोटेश्वर से झाबुआ तक शिवम् कावड़ यात्रा द्वारा 34वीं भव्य यात्रा निकाली गई। यात्रा की शुरूआत 27 जुलाई से कोटेश्वर धाम से हुई थी एवं 1 अगस्त, श्रावण मास के तीसरे सोमवार को सभी कावड़ियों ने शहर में प्रवेश किया। यह कावड़ यात्रा समिति के वरिष्ठ दिवंगत सदस्यों को नमन करते हुए एवं उनकी स्मृति में हर वर्ष निकाली जाती है। जिसका उद्देश्य हिन्दू धर्म जागरण करना है। उक्त यात्रा में सैकड़ों की संख्या में हर आयु के कावड़िये कावड़ सजाए नाचते-गाते, भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए शहर के प्रमुख मार्गों से होकर निकले। बाद अपने-अपने गंतव्य स्थलों पर जाकर शिव मंदिरों मंे जलाभिषेक किया गया।
जगह-जगह हुआ ऐतिहासिक स्वागत
इन चारो यात्राओं में शामिल हजारों कावड़ियों का शहर में जगह-जगह ऐतिहासिक और भव्य स्वागत हुआ। जिसमें अनास नदी पर भाजपा मंडल कल्याणपुरा, किशनपुरी में भारतीय किसान संघ, राजगढ़ नाका पर वरिष्ठ भाजपा नेता शैलेष दुबे, पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, जनपद पंचायत अध्यक्ष पति हरू भूरिया, युवा नेता कल्याणसिंह डामोर, पूर्व झाबुआ मंडल अध्यक्ष दीपेश बबलू सकलेचा आदि द्वारा सभी कावड़ियों पर फूल बरसाए गए। आगे चलने पर नेहरू मार्ग पर भारतीय जनता युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष कुलदीपसिंह चौहान एवं युवा मोर्चा झाबुआ मंडल अध्यक्ष शक्तिंिसह देवड़ा के नेतृत्व तथा विजय चौहान मित्र मंडल द्वारा विजय चौहान तथा भाजपा जिला मंत्री विश्वनाथ सोनी के नेतृत्व में सभी कावड़ियांे पर पुष्प वर्षा कर जयकारे लगाए। आगे चलने पर सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष संजय कांठी के नेतृत्व में समस्त पदाधिकारी एवं व्यापारियों ने जोरदार स्वागत किया। इसके साथ ही शहर में जगह-जगह यात्रियों का स्वागत-सत्कार एवं स्वल्पाहार आदि की व्यवस्था की गई। संपूर्ण यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था एसडीओपी बबीता बामनिया, थाना प्रभारी सुरेन्द्रसिंह गाडरिया एवं यातायता प्रभारी विजेन्द्रसिंह मुजाल्दा के नेतृत्व में पुलिस दल-बल द्वारा संभाली गई।