ये होगी खासियत
अब तक सर्जरी के बारे में जानकारी सिर्फ मौखिक रूप से ही दी जाती थी, लेकिन इस लैब में सर्जरी लाइव सिखाई जाएगी. इसके लिए अस्पताल में आने वाले शवों से कान की हड्डी यानी टेम्पोरल बोन निकाल कर उस पर रिसर्च किया जाएगी. इसके लिए माइक्रोस्कोप को एलईडी स्क्रीन से जोड़ दिया जाएगा जिससे विशेषज्ञों को ऑपरेशन करते समय असली कान की हड्डी का अनुभव होगा और उनके लिए सीखना और समझना ज्यादा आसान होगा.
ये है जिला अस्पतालों में स्थिति
जिला अस्पतालों में पहले से तैनात ईएनटी सर्जन संसाधन नहीं होने के कारण कान के ऑपरेशन नहीं कर पाते थे. अब जब संसाधन उपलब्ध हो गए हैं तो उन्हें ये ऑपरेशन करने में कठिनाई आ रही है. इस परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सागर और भोपाल में ये लैब खोलने की मंजूरी दे दी है. मिली जानकारी के अनुसार ये बताया गया है कि लैब को शुरू होने में तीन से चार महीने का वक्त लगेगा.
इनका दिया जाएगा प्रशिक्षण
– टेम्पेलोप्लास्टी (कान के पर्दे के ऑपरेशन)
– मेसटॉयडेक्टमी (कान की हड्डी के ऑपरेशन)
– ओसीक्लोप्लास्टी (कान की छोटी हड्डी का ऑपरेशन)
ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ.यशवीर के मुताबिक चिकित्सकों को शुरूआत में हमीदिया में प्रशिक्षण दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार प्रबंधन ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की भी तैयारी कर रहा है. अगर इसमें प्रबंधन सफल रहता है तो वीडियो कॉंफ्रेंसिंक की तर्ज पर ऑनलाइन ट्रेनिंग दे सकता है.