कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के गुरुवार (26 मई) को 6 माह पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा काला दिवस मना रहा है। इसी क्रम में प्रदर्शन के समर्थक दिल्ली की सीमा पर, अपने-अपने घरों पर और अपने वाहनों पर काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस ब्लै कडे को कई गैर भाजपा पार्टियों कॉन्ग्रेस, टीएमसी, एसपी, एनसीपी समेत कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।
वहीं यूपी गेट पर आंदोलनकारी किसानों ने हंगामा किया। इस दौरान काले झंडे फहराए गए। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने काली पगड़ी बांधकर विरोध जताया। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। राकेश टिकैत ने कहा कि किसान किसी भी हालत में नहीं झुकेंगे। किसानों को बचाने के लिए आंदोलन शुरू किया गया है।
On #SinghuBorder today, #farmers raised black flags and burnt PM Modi's effigy. Today farmers are marking 6 months of their protest on #Delhi Borders. #FarmersProtests #Farmers #FarmersBill pic.twitter.com/CxqcZPn67L
— Kapil Kajal (@KapilKajal1) May 26, 2021
प्रदर्शन में कई जगह पुतले फूँकने का काम भी हो रहा है। सिंघू बॉर्डर से सामने आई वीडियो में प्रदर्शनकारी पुतले जलाते हुए और मोदी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए देखे जा सकते हैं। इसके अलावा वीडियो में प्रदर्शनकारी पुतले जलाते हुए पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगाते हुए भी सुने जा सकते हैं।
Farmers protesting at Covid Free Zone vro. Kumbh got the second wave vro. pic.twitter.com/J66jRc2r4Y
— desi mojito (@desimojito) May 26, 2021
वीडियो में दिख रहा है कि न तो कहीं कोविड नियमों का न पालन हो रहा है और न ही प्रदर्शनकारी किसी के नियंत्रण में हैं। कइयों ने मास्क तक नहीं पहना और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।
इसके अलावा खबर है कि बीकेयू कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर में टोल फ्री करवाकर वहाँ बैठकर अपना धरना दे रहे हैं। बागपत में भी जाम लगाकर विरोध जताया गया। मेरठ में बीकेयू और रालोद कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बाँधकर प्रदर्शन किया। सहारनपुर में भी किसानों ने अपने मकान पर काले झंडे दिखाकर पुतले फूँके।
वहीं बुलंदशहर में बीकेयू के एनसीआर मंडल अध्यक्ष मांगेराम त्यागी व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष श्योपाल सिंह के नेतृत्व में चौराहे पर केंद्र सरकार का पुतला फूँकने का प्रयास हुआ। लेकिन इस दौरान पदाधिकारियों और पुलिस में छीना झपटी हो गई। वहीं खुर्जा, गुलावठी व कलेक्ट्रेट पर तीनों कृषि कानून के विरोध में काला झंड़ा लेकर नारेबाजी की गई। ग्राम सिसौली में बीकेयू कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए ट्रक रैली निकाली।
बता दें कि काला दिवस को लेकर बीकेयू राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने एक दिन पहले घोषणा की थी। इसी क्रम में आज किसान हाथों में काले झंडे लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ नारेबाजी करते दिखे। पुलिस ने कई जगह प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास भी किया मगर इस बीच धक्का मुक्की शुरू हो गई। किसानों ने कहा कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाएँगे, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। यह आंदोलन लोकसभा चुनाव यानी 2024 तक चलेगा।