नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डीआरडीओ ने आज (7 सितंबर) स्वदेशी स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम (Scramjet Propulsion System) का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर वाहन (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह जानकारी खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी है।
इस उपलब्धि को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने ट्वीट कर कहा, इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और इस परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं। यह पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है।
I congratulate to DRDO on this landmark achievement towards realising PM’s vision of Atmanirbhar Bharat. I spoke to the scientists associated with the project and congratulated them on this great achievement. India is proud of them.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 7, 2020
हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में भारत की यह बड़ी छलांग है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने खुद की हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी विकसित की और इसका सफल परीक्षण भी कर लिया। DRDO ने ओडिशा के बालासोर में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर वाहन (HSTDV) टेस्ट को अंजाम दिया। यह हवा में आवाज की गति से करीब छह गुना ज्यादा स्पीड से दूरी तय करता है।
Successful flight test of Hypersonic Technology Demonstration Vehicle (HSTDV) from Dr. APJ Abdul Kalam Launch Complex at Wheeler Island off the cost of Odisha today. pic.twitter.com/7SstcyLQVo
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 7, 2020
इससे पहले जून 2019 में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर वाहन का पहला परीक्षण किया गया था। इसका इस्तेमाल हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने और कम खर्चे में सैटेलाइट लॉन्च करने में किया जाएगा। इसके साथ ही हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए यान के तौर पर भी इसका स्तेमाल किया जाएगा।