महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर चौंका दिया है। महाराष्ट्र के अहमदनगर में पिछले महीने यानी मई में 9928 बच्चों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद लगातार ये सवाल उठ रहा है कि क्या कोरोना की तीसरी लहर तो नहीं आ गई। क्योंकि एक्सपर्ट ने तीसरी लहर में ज्यादातर बच्चों के कोरोना की चपेट में आने की आशंका जताई गई है।जो राज्य सरकार के लिए खतरे की घंटी है।
राज्य के अहमदनगर में सिर्फ मई महीने में 9,928 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं। सिर्फ एक महीने के दौरान बच्चों से जुड़े इतने मामले आने के बाद लोग डरे हुए हैं। अहमदनगर के डीएम ने अप्रैल में हुई शादियों और बच्चों के खेलने को कारण बताया है।
आपको बता दे कि अहमद नगर के डीएम राजेन्द्र भोसले एबीपी न्यूज़ के साथ बात करते हुए कहा कि मई के महीने में अहमदनगर में कुल 86 हजार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। लेकिन मौत नहीं हुई है। बच्चों के संक्रमित होने पर उन्होंने कहा कि अप्रैल में काफी शादियां हुई थीं, जिनमें 18 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या ज्यादा थी। साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी बच्चे खेल रहे थे।
Maharashtra | 9,928 minors in Ahmednagar tested Covid positive in May
"Children positivity rate increased due to rise in overall positivity rate. In April, 7,760 children were tested positive. No serious incidents were reported," said Civil surgeon Sunil Pokharna (31.5) pic.twitter.com/OqGMCHm6GA
— ANI (@ANI) June 1, 2021
9,928 नाबालिग संक्रमित हुए
उन्होंने बताया कि मई में 9,928 नाबालिग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 6,700 की आयु 11 से 18 साल के मध्य है। वहीं 3,100 संक्रमितों की आयु एक से दस वर्ष के बीच है। उन्होंने कहा कि इनमें से 95 फीसद में लक्षण नहीं मिले हैं, इसलिए घबराने की बात नहीं है। बच्चों का पॉजिटिविटी रेट 11 फीसद रहा है।
95 फीसदी लोगों में नहीं संक्रमण के लक्षण
एक ही महीने में इतने मामले सामने आने के बाद कई लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।जिलाधिकारी ने बताया कि जिन 9,928 नाबालिगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनमें से 6,700 लोग 11 से 18 वर्ष की आयु के हैं, 3,100 एक से दस वर्ष के बीच हैं वहीं कुछ एक वर्ष से कम आयु के भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि इनमें से 95 प्रतिशत लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं थे, इसलिए चिंता की बात नहीं है। संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते यह जरूरी है कि बच्चों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए।’’
हालांकि अहमदनगर के बाल रोग कार्यबल के सदस्य डॉ. सचिन सोलाट ने कहा कि संख्या अधिक है, लेकिन हालात चिंताजनक नहीं हैं क्योंकि नाबालिगों में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं। साथ ही सोलाट ने कहा कि ज्यादातर बच्चों में संक्रमण उनके परिवार के अन्य सदस्यों के जरिये पहुंचा है।
तीसरी लहर की आशंका
कुछ विशेषज्ञों ने हाल ही में तीसरी लहर में बच्चों के बड़ी संख्या में संक्रमित होने की बात कही थी। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि कहीं यह तीसरी लहर की दस्तक तो नहीं है। भोसले ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका के चलते यह जरूरी है कि बच्चों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए।
महामारी की तीसरी लहर, जिसके अधिक संख्या में बच्चों को प्रभावित करने की संभावना है, को देखते हुए, सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक तैयारी करने के लिए विशेषज्ञों की एक बाल चिकित्सा कार्य बल गठित करने का निर्देश दिया था। 13 विशेषज्ञों वाली इस टास्क फोर्स का नेतृत्व जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुहास प्रभु कर रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय के निदेशक तात्याराव लहाने को इसका सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
रविवार को, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा और लोगों से अपील की कि बच्चों में कोई लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श करें। उन्होंने कहा था, “मुझे नहीं पता कि तीसरी लहर कब और किस तारीख को आएगी। इसलिए हमें अपने बचाव को कम नहीं होने देना चाहिए।”