चीन के बेकाकू रॉकेट को लेकर ताजा खबर यह है कि इसके टुकड़े हिंद महासागर में गिर गए हैं। वहीं एक बड़ा हिस्सा वायुमंडल में प्रवेश करने के दौरान ही खत्म हो गया। इस तरह दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली है। बता दें, चीनी रॉकेट का एक बड़ा हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहा था। आशंका जताई जा रही थी कि चीनी रॉकेट का यह हिस्सा 9 मई को धरती पर गिर सकता है। कब औ कहां गिरेगा इसका शुरू में पता नहीं था। नासा समेत दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां नजर रखे हुए थे। लॉन्ग मार्च 5b रॉकेट के कोर स्टेज का वजन 21 टन था। पिछले हफ्ते चीन ने अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लिए पहला मॉड्यूल लॉन्च किया था।
चीन के अनियंत्रित हुए रॉकेट लॉन्ग मार्च का मलबा रविवार को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और इसके मालदीव के पास हिंद महासागर में गिरने की खबर है। इसके बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष मलबे को लेकर ‘जिम्मेदार मानकों’ को पूरा करने में विफल रहने के लिए चीनी प्रशासन को फटकार लगाई है। पूर्व सीनेटर और नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, “यह स्पष्ट है कि चीन अपने अंतरिक्ष मलबे के बारे में जिम्मेदार मानकों को पूरा करने में विफल हो रहा है।”

चीन के ‘मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग कार्यालय ने बताया कि चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के अवशेष बीजिंग के समयानुसार सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गए और वे 72.47 डिग्री पूर्वी देशांतर और 2.65 डिग्री उत्तरी अक्षांश में समुद्र के एक खुले क्षेत्र में गिरे।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि ज्यादातर अवशेष पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश के दौरान ही जल गए। चीन ने इस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने तियांगोंग स्पेस स्टेशन का पहला हिस्सा भेजा था। इस रॉकेट में 29 अप्रैल को दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान में विस्फोट हो गया था।
इससे पहले पेंटागन ने मंगलवार को कहा थाा कि वह चीन के उस विशाल रॉकेट का पता लगा रहा है जो नियंत्रण से बाहर हो गया और उसके इस सप्ताहांत तक पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने की संभावना है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस हफ्ते मीडिया को बताया था कि रॉकेट के अवशेष जब पृथ्वी की वायुमंडल में प्रवेश करेंगे तो वे जल जाएंगे।चीन आगामी हफ्तों में अपने अंतरिक्ष केंद्र कार्यक्रम के लिए और रॉकेट भेज सकता है क्योंकि उसका उद्देश्य अगले साल तक इस परियोजना को पूरा करने का है।