Highlight
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ज़ूम की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
- US में Zoom ऐप पर बाइबिल क्लास में चलने लगी पॉर्न क्लिप
- चर्च ने कंपनी के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
वॉशिंगटन एजेंसी । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ज़ूम (Zoom App) सुरक्षित नहीं है, इसको लेकर लगातार खबरें सामने आ रही हैं। अब इसी ऐप से जुड़ा एक नया मामला अमेरिका के कैलिफोर्निया से हैं। यहां Zoom ऐप पर चल रही बाइबिल क्लास को हैक कर पॉर्न क्लिप चलाने की घटना सामने आई है। चर्च ने क्लास के दौरान पोर्नोग्राफी के प्रसारण को लेकर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
दरअसल सैन फ्रांसिस्को के सबसे पुराने सेंट पॉलस लुथेरन चर्च द्वारा जूम वीडियो चैट के जरिए ऑनलाइन बाइबल क्लास आयोजित की गई थी। क्लास में पादरी बाइबल से जुड़ी बातें बता रहे थे। लोग अपने-अपने घरों से ही कंप्यूटर या मोबाइल से क्लास में शामिल हुए। तभी अचानक स्क्रीन पर पॉर्न वीडियो चलने लगा।
क्लास के दौरान जो अश्लील वीडियो चला उसमें दिखाया गया, बड़े लोग बच्चों के साथ शारीरिक संबंध बना रहे थे। इसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे और उनका शारीरिक शोषण किया जा रहा था। हालांकि इसके बाद तुरंत जूम पर चल रही क्लास को खत्म कर दिया गया। इसके बाद चर्च द्वारा ऑनलाइन वीडियो कॉल कराने वाली कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
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चर्च द्वारा कोर्ट में दायर शिकायत के अनुसार, यह घटना 6 मई को हुई थी। शिकायत में बताया गया, कुछ साइबर हमलावरों ने बाइबिल क्लास को हैक कर लिया था। क्लास में शमिल लोगों की स्क्रीन से स्क्रीन कंट्रोल बटन भी गायब कर दी गई थी, जिसके बाद स्क्रीन पर पोर्न वीडियो दिखाई देने लगा।
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सेंट पॉलस लुथेरन चर्च ने फेडरल कोर्ट में जूम वीडियो कम्यूनिकेशन पर निजता के हनन, धार्मिक कार्यों में बाधा समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज कराया है। चर्च प्रशासन ने कहा, बहुत से बुजुर्ग बाइबिल क्लास में शामिल हुए थे। चर्च ने दावा किया है ‘जूमिंग’ सुरक्षित नहीं है।
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गौरतलब है कि, नोवल कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) के कारण आए संकट के इस दौर में लोग एक-दूसरे से जुड़ने और घर से काम कर रहे कर्मचारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी बीच ज़ूम ऐप (Zoom App) का बहुत ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि भारत सरकार पहले ही इस ऐप को असुरक्षित बता चुका है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने एडवाइज़री जारी कर कहा था कि, ये ऐप सुरक्षित नहीं है, लोग सावधानी और सतर्कता से इसका इस्तेमाल करें। इसके साथ ही सामान्य यूजरों के लिए कुछ खास बातें ध्यान रखने के लिए कही गई थीं।
MHA issues Advisory on Secure use of ZOOM Meeting Platform.
Platform not for use by Government officers/officials for official purposes.
Guidelines to safeguard private individuals who would like to use the platform for private purposes.
Details 👇https://t.co/veVDyhWVGk pic.twitter.com/1qog7FB3xz
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 16, 2020
लॉकडाउन के बाद अचानक बढ़ी ज़ूम की लोकप्रियता
लॉकडाउन के चलते ज़ूम की लोकप्रियता अचानक बढ़ गईं है। दुनिया भर में, कई व्यक्ति और एंटरप्राइजेज मीटिंग को होस्ट करने के लिए ज़ूम का उपयोग कर रहे हैं। यहां तक कि स्कूलों और कॉलेजों की क्लास के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है। ज़ूम उपयोगकर्ताओं के लिए MHA की एडवाइजरी में कहा गया है कि कॉन्फ्रेंस रूम में अनधिकृत एंट्री को रोकने के लिए कुछ सेटिंग्स को इनेबल-डिएबल करना है। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करना है कि कोई भी पार्टिसिपेंट कॉन्फ्रेंस में अन्य के टर्मिनलों पर मैलिशियस एक्टिविटी को अंजाम नहीं दे सकें।
क्या कहा गया है एडवाइजरी में?
एडवाइजरी में यूजर्स को प्रत्येक मीटिंग के लिए एक नई यूजर आईडी और पासवर्ड सेट करने और वेटिंग रूम फीचर को इनेबल करने के लिए कहा गया है। इससे मीटिंग में लोग तभी आ पाएंगे, जब होस्ट अनुमति देगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ज़ूम ने कॉल पर डिफ़ॉल्ट रूप से इस फीचर को इनेबल किया है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि केवल होस्ट को ही स्क्रीन शेयरिंग करनी चाहिए। इसलिए स्क्रीन शेयरिंग बाय होस्ट ओनली फीचर को ऑन रखें।
एडवाइजरी में यूजर को उस ऑप्शन को भी डिसेबल करने के लिए कहा गया है जो रिमूव किए गए पार्टिसिपेंट को भी फिर से जॉइन करने की अनुमति देता है। एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर जरूरत न हो, तो फाइल ट्रांसफर का ऑप्शन बंद कर दें। एक बार सभी लोग मीटिंग में आ जाएं, तो मीटिंग को लॉक कर दें। रिकॉर्डिंग फीचर ऑफ रखें। अगर आप एडमिनिस्ट्रेटर हैं, तो मीटिंग को सिर्फ छोड़े नहीं, उसे बंद करें।