बताया जा रहा है कि शव की दुर्गंध भी बंगले के आसपास फैल चुकी है, जिसके चलते बंगले पर पहरा देने वाले पुलिसकर्मी भी बीमार हो चुके हैं. यह भी जानकारी मिली है कि करीब एक महीने पहले यानी कि 13 जनवरी को आईपीएस के पिता को एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था, जिसके बाद आईपीएस अपने पिता को घर ले गए और तब से अब तक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है.
हालांकि भोपाल आईजी और पुलिस अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर रहे हैं. वहीं आईपीएस राजेंद्र मिश्रा के मुताबिक उनके पिता की हालत गंभीर है, लेकिन अभी वह जिंदा हैं. अब सवाल यह उठता है कि अस्पताल प्रबंधन सच बोल रहा है या फिर आईपीएस राजेंद्र मिश्रा. हालांकि अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि आईपीएस के पिता की मौत हुई है या नहीं.