देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। किसी के पास इलाज नहीं है तो कोई रोजगार और रोटी का मोहताज हो गया है। ऐसे माहौल में छत्तीसगढ़ में सियासत की कुछ हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां की सरकार ने असम से आए कांग्रेस नेताओं की आवभगत के लिए उन नियमों को ही ताक पर रख दिया, जिन्हें संक्रमण रोकने के लिए खुद बनाया था।
बस्तर में ये नेता बकरा, भात और शराब का लुत्फ उठा रहे हैं। लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच भी इनके काफिलों पर कोई रोकटोक नहीं है। चित्रकोट के सरकारी रेस्ट हाउस में ठहरे इन उम्मीदवारों की आवभगत में पूरा सरकारी अमला लगा हुआ है।
दरअसल, असम में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और सहयोगी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधानसभा उम्मीदवारों की छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बाड़ेबंदी की गई है।
भाजपा ने कहा- मेडिकल सिस्टम पर ध्यान दे सरकार
पूर्व मंत्री और बस्तर भाजपा के नेता केदार कश्यप ने कहा- प्रदेश में हर रोज 15 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। दर्जनों लोगों की मौत हो रही है। ऐसे वक्त में असम से आए इन लोगों को सरकार बकरा भात खिला रही है। ये किस नियम के तहत सरकारी रेस्ट हाउस में रुके हैं, जबकि जिले में धारा-144 लगी है। सरकार को बस्तर की चरमराती चिकित्सा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।

किसी मंजूरी की जरूरत नहीं, धड़ल्ले से घूम रहा इनका काफिला
इन नेताओं की गाड़ियों का काफिला पूरे बस्तर में बिना रोक-टोक घूम रहा है। केदार कश्यप ने कि अब सरकार ने इस काफिले को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाई है। उनकी निगरानी में ये लोग रायपुर की ओर रवाना हो गए। आम नागरिकों को अभी एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए जिला प्रशासन से मंजूरी लेनी पड़ती है, लेकिन मेहमान नेता धड़ल्ले से बिना परमिशन घूम रहे हैं।

पहली बार ऐसी बाड़ेबंदी प्रत्याशियों को ही दूसरे राज्य भेज दिया
असम कांग्रेस को डर है कि नतीजे आने के बाद विधायकों की खरीद-फरोख्त से सरकार पर संकट आ सकता है। ऐसे में उसने विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की ही बाड़ेबंदी कर उन्हें दूसरे राज्यों में भेज दिया। अब तक पार्टियां दल-बदल से बचने के लिए विधायकों को ही होटल, रिजॉर्ट में भेजती रही हैं। पहली बार कैंडिडेट्स की बाड़ेबंदी की गई।
असम में कांग्रेस अपने सहयोगी दलों, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के साथ सियासी मैदान में उतरी थी। सभी उम्मीदवारों को राजस्थान और छत्तीसगढ़ भेजा गया है। असम में विपक्षी गठबंधन के 22 उम्मीदवारों को भी जयपुर भेजा गया है।

कांग्रेस को खरीद-फरोख्त का डर
असम में सत्तारूढ़ BJP को कांग्रेस गठबंधन से टक्कर मिल रही है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को यकीन है कि अगर BJP कुछ सीटों से पीछे रही तो वह विधायकों को तोड़ेगी। इसी वजह से चुनाव के नतीजे आने से पहले ही प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी कर दी गई है।