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35 सालों से इस गांव में बेमौसम बारिश रोक रहा ये टोटका! जानिए क्या है राज | Ujjain News This trick has been stopping unseasonal rains in this village for 35 years Know what is secret

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35 सालों से इस गांव में बेमौसम बारिश रोक रहा ये टोटका! जानिए क्या है राज

मंगरोला गांव के स्थानीय लोगों ने कहा कि उल्टे हल की स्थापना के समय इस जगह पर एक कच्चा चबूतरा हुआ करता था .जिस पर उल्टे हल को लगाया गया था. उसके बाद गांव वालों ने खुद मंदिर का निर्माण करवाया.

उज्जैन के इस गांव में आज तक नहीं हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि.

Image Credit source: tv 9

उज्जैन: देश के कई प्रदेशों में अचानक मौसम में बदलाव हुआ है. ऐसे में बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है. जहां लोगों को भारी उमस और गर्मी से छुटकारा मिला है. हालांकि, इस बारिश ने किसानों के लिए आफत खड़ी कर दी है. वहीं, उज्जेैन के किसानों ने एक नया तरीका निकाला है, जिससे खेतों मे तैयार फसलों को ना ही आंधी, तूफान और बारिश का भी डर नहीं है. दरअसल, जिले में एक ऐसा गांव भी है. जहां पिछले 35 सालों से किसान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि को रोकने के लिए एक नायाब तरीके के जरिए फसलों की रक्षा कर रहे हैं.

दरअसल, ये मामला उज्जैन जिले के मंगरोला गांव का है. यहां के किसानों का मानना है कि वे अपनी फसलों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए हनुमान अष्टमी पर गांव में स्थित हनुमान मंदिर में पूजा करने के बाद एक उल्टा हल गाड़ दिया है. जिससे इस हल के ऊपरी हिस्से में गोबर का कंडा लगाकर एक छलनी भी बांधी गई है. ग्रामीणों की मान्यता है कि इस तरीके को आजमाने से कभी भी उनके गांव में ओलावृष्टि नहीं हुई है.

क्या है पौराणिक मान्यता?

इस दौरान गांव के एक किसान सज्जन सिंह का कहना है कि मंगरोला गांव में खेड़ापति हनुमान जी का मंदिर है. दरअसल, साल 1987 में पूरे गांव में हाहाकार मचा हुआ था. जब ओलावृष्टि के कारण पूरे गांव के खेतो में फसलें चौपट हो गई थी, जिसकी चपटे में पशु पक्षी भी आ गए थे. इससे गांव में डर का माहौल बन गया था. तभी वहां पर एक संत ने इससे बचने के लिए निदान बताया था.

उन्होंने बताया कि मंदिर के बाहर हनुमान अष्टमी के दिन उल्टा हल लगाया जाए. इस उल्टे हल पर गोबर से कंडा तैयार किया जाए और उस पर मंत्रोच्चार कर झंडे के ऊपर उल्टे हल पर आटा छानने की छलनी लगाई जाए. जिससे पूरे गांव में कभी भी ओलावृष्टि नहीं होगी.

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पहले था चबूतरा अब बना भव्य मंदिर

इस दौरान मंगरोला गांव के स्थानीय लोगों ने कहा कि उल्टे हल की स्थापना के समय इस जगह पर एक कच्चा चबूतरा हुआ करता था .जिस पर उल्टे हल को लगाया गया था. उसके बाद गांव वालों ने खुद मंदिर का निर्माण करवाया. बता दें कि,तब से लेकर आज तक हनुमान अष्टमी के दिन गांव के मंदिर में उल्टा हल लगाया जाता है. हल लगाने के पहले रामायण कर पूजा पाठ हनुमान मंदिर में किया जाता है.

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