होशंगाबाद: देहात थाना पुलिस ने रेलवे क्रासिंग के पास नर्मदा अस्पताल के सामने से गौवंश से भरा एक कंटेनर जब्त किया है। कंटेनर में गौवंश को क्रूरतापूर्वक ठूंस-ठूंसकर भरा था जिसमें से 23 गौवंश की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने इन गौवंशी की कीमत करीब दो लाख रुपए बतायी है।पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नर्मदा अस्पताल के सामने कंटेनर खराब हो गया था। पुलिस को वहां से गुजर रहे नितिन पिता जगदीश मेसकर 35 वर्ष निवासी बालागंज ने सूचना दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां ड्रायवर और कंडक्टर नहीं थे। चालक कंटेनर छोड़कर फरार हो गया है। पुलिस ने कंटेनर के भीतर देखा तो अत्यंत हृदयविदारक दृश्य था।
आपको बता दे कि इस मामले में चौकाने वाली बात सामने आयी जब ट्रक का नंबर देखा तो सबके होश फाख्ता हो गए, कंटेनर में दो अलग-अलग नंबर प्लेट लगाई गई थीं, जिससे ट्रेस न किया जा सके। इसे दो हिस्सों में बांटकर मवेशियों को लादा गया था। पुलिस कंटेनर को कृषि मंडी ले गई और जेसीबी की मदद से खाली कराया। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की देर रात को सूलिया रेलवे फाटक पर एक बड़ा कंटेनर खड़ा था, जिससे गोमूत्र और गोबर बह रहा था, लोगों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो कंटेनर चालक वहां से भाग गया था। कंटेनर को कृषि मंडी के मैदान ले जाया गया, जहां पर जेसीबी की मदद से कंटेनर खाली कराया गया, जिससे 23 गाय और गोवंश मृत निकला है। वहीं कंटेनर में कुल 63 मवेशी भरे हुए थे।इनको कत्लखाने ले जाया जा रहा था।
एक ही वाहन में दो नंबर प्लेट
पशुओं को अवैध रूप से कत्लखाने ले जाने का खेल कितना शातिरपन भरा होता हैए इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही वाहन में दो नंबर प्लेट लगा ली जाती हैं। ये जो कंटेनर पुलिस ने पकड़ा है उसमें भी आगे यूपी 21, बीएन 8386 और कंटेनर के पीछे एचआर 56 बी, 2959 नंबर प्लेट थी। इसमें एक महाराष्ट्र और दूसरी पर हरियाणा का नंबर दर्ज है। अब तक ये जानकारी भी सामने नहीं आई है कि कंटेनर को कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन दोनों नंबर प्लेट से ये तो साफ है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में से एक जगह से लाई गई होंगी और दूसरी जगह ले जाई जा रही होंगी।होशंगाबाद पुलिस ने कंटेनर चालक की खोजबीन शुरू कर दी है।
पशु क्रूरता अधिनियम में मामला दर्ज
पुलिस को यह कंटेनर होने की जानकारी 11 अगस्त की रात को मिली थी। पुलिस ने मामले में मप्र गौवंश वध प्रतिशोध अधिनियम की धारा 4,6,9 एवं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11ए मप्र कृषक परिरक्षण अधिनियम की धारा 4,6,10 के अंतर्गत कंडक्टर और ड्रायवर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।