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शरद यादव का पैतृक गांव में आज होगा अंतिम संस्कार, बिहार में एक दिन का राजकीय शोक | today former jdu president sharad yadav funeral will be held in his native village in madhya pradesh

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शरद यादव का पैतृक गांव में आज होगा अंतिम संस्कार, बिहार में एक दिन का राजकीय शोक

शरद यादव का पार्थिव शरीर दिल्ली से आज सुबह विशेष विमान से राजधानी भोपाल लाया जाएगा. भोपाल से फिर सड़क मार्ग से पैतृक गांव लाया जाएगा. दोपहर एक बजे अंतिम संस्कार होगा.

वरिष्ठ समाजवादी नेता और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का अंतिम संस्कार आज मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा. उनके पुश्तैनी मकान से कुछ ही दूरी पर स्थित परिवार के ही खलिहान में उनके अंतिम संस्कार के लिए तैयारी की जा रही है. यह जानकारी उनके एक करीबी सहयोगी ने भोपाल में दी. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था. वह 75 वर्ष के थे.

जद (यू) की मध्य प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख एवं शरद यादव के करीबी सहयोगी गोविंद यादव ने कहा कि वरिष्ठ नेता का अंतिम संस्कार नर्मदापुरम (पहले होशंगाबाद) जिले की बाबई तहसील के उनके पैतृक गांव आंखमऊ में आज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि शरद यादव का पार्थिव शरीर विशेष विमान से आज सुबह करीब 11 बजे दिल्ली से भोपाल लाया जाएगा, जहां से पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव आंखमऊ ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि दोपहर डेढ़ बजे के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पहली बार जबलपुर सीट से लड़ा था चुनाव

नर्मदापुरम से मिली जानकारी के अनुसार, शरद यादव के भतीजे शैलेश यादव ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार आंखमऊ गांव में किया जाएगा और शरद यादव के बेटे शांतनु बुंदेला उन्हें मुखाग्नि देंगे. गोविंद यादव ने कहा कि छात्र नेता के रूप में शुरुआत करने के बाद शरद यादव ने 1974 में मध्य प्रदेश की जबलपुर सीट से लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी, जिसने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचा दिया.

बदायूं और मधेपुरा से भी जीता था लोकसभा का चुनाव

उन्होंने कहा कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शरद यादव सात बार लोकसभा चुनाव जीते. वह उच्च सदन के भी सदस्य रहे. उन्होंने कहा कि जबलपुर के अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के बदायूं और बिहार के मधेपुरा से भी लोकसभा चुनाव जीता, जो किसी भी राजनेता के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. वहीं बिहार सरकार ने उनके निधन पर राज्य में एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है.

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(भाषा के इनपुट के साथ)