हाइलाइट्स
- भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी तेजी से अपनाई
- आयोजित की जाएगी आधिकारिक बैठक
- 15 नवंबर को होगी आयोजित
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बैठक में भाग लेने वालों में इंडिया इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन (IAMAI) ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिसमें भारत के कुछ टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं। इनमें वजीरएक्स, कॉइनडीसीएक्स, कॉइनस्विच कुबेर और अन्य शामिल हैं। अब तक, एक्सचेंज सेल्फ-रेग्यूलेटरी गाइडलाइन्स पर चल रहे हैं जो ज्यादातर बीएसीसी बोर्ड द्वारा निर्धारित किए गए हैं। यह इंडस्ट्री के सभी प्लेयर्स के साथ उनका कंप्लायंस सुनिश्चित करते हैं। हालांकि, ये स्टेटहोल्डर्स पहले से ही सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। सरकार ने अभी तक भारत में क्रिप्टोकरेंसी की भूमिका पर कोई आधिकारिक रुख नहीं अपनाया है।
इंडस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि जब जो बैठक की जाएगी उसमें स्टेकहोल्डर्स लोकसभा सदस्य और जूनियर वित्त मंत्री जयंत सिन्हा के नेतृत्व वाली एक समिति को संबोधित करेंगे। यह समिति इस चर्चा में पूछे जाने वालों की प्रश्नों की सूचने पहले ही बीएसीसी को भेज चुकी है।
यह बैठक भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लिए अंतिम नियमन (eventual regulation) की दिशा में बढ़ाया जाने वाला पहला आधिकारिक कदम हो सकता है। इसे लेकर अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेंगे इसके लिए आरबीआई ने चिंता जताई थी जिसके बाद देश में वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद से एक लंबा समय तय करेगा।
सरकार अब यह पता लगाना चाहती है और लगाएगी भी कि क्रिप्टोकरेंसी भारत में वित्तीय क्षेत्र की मदद कैसे कर सकती है, और इसका भारतीय रुपये और अर्थव्यवस्था पर किस प्रकार का प्रभाव हो सकता है। इस प्रकार, 15 नवंबर को बैठक क्रिप्टोकुरेंसी बिल से पहले एक निर्णायक घटना कही जा सकती है। इसे अगले साल के आखिरी तक संसद में भी पेश किए जाने की उम्मीद है।