Tag: कवि जसवंत लाल खटीक
सोलह श्रृंगार…
आज सबको बतलाता हूँ ,
नारी के सोलह श्रृंगार ।
कोमल शरीर को सँवार के ,
सज जाती है देखो नार ।।
परिवार की समृद्धि बढ़े ,
इसलिए नारी...
कविता: वेलेंटाइन डे स्पेशल
अपनी अपनी मोह्हबत में , प्रेम के गीत गाते ।
आजकल के प्रेम दीवाने ,वेलेंटाइन डे मनाते ।।